1. अभी चांद पर दिन है या रात?
Chandrayaan-3 को 23 अगस्त 2023 की शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा गया. उस समय वहां पर सूरज उग रहा था. नीचे दिए गए वीडियो में आपको यह नजारा स्पष्ट तौर पर दिख जाएगा. क्योंकि इसरो की प्लानिंग थी कि चांद के जिस हिस्से पर चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर उतर रहे हैं, वहां अगले 14-15 दिनों तक सूरज की रोशनी पड़ती रहे. यानी अभी वहां पर दिन है. जो अगले 13 दिनों तक रहेगी.
2. अंधेरा होने के बाद क्या होगा?
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मे सोलर पैनल लगे हैं. वो सूरज से ऊर्जा लेकर खुद को चार्ज कर रहे हैं. इन्ही पैनल्स के जरिए उन्हें ऊर्जा मिल रही है. जब तक सूरज की रोशनी मिलती रहेगी. उनकी बैटरी चार्ज होती रहेगी. वो काम करते रहेंगे. अंधेरा होने के बाद भी कुछ दिन या घंटे तक रोवर और लैंडर काम कर सकते हैं. ये निर्भर करता है कि उनकी बैटरी कितनी चार्ज है. लेकिन इसके बाद वो अगले 14-15 दिनों के बाद सूरज उगने का इंतजार करेंगे. हो सकता है कि वो फिर से सक्रिय हो जाएं. फिर से अपना काम करने लगें. इसकी पुष्टि इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भी की थी.
3. क्या है फार और नीयर साइड?
खुली आंखों से चंद्रमा का जो हिस्सा दिखता है, उसे नीयर साइड (Near Side) कहते हैं. जबकि जो हिस्सा अंधेरे में रहता है. खुली आंखों से नहीं दिखता, उसे फार साइड या डार्क साइड (Far Side) कहते हैं. आपको किसी भी समय चांद का सिर्फ 59 फीसदी हिस्सा ही देखने को मिलता है. बाकी 41 फीसदी हिस्सा अंधेरे में रहता है.
4. क्या चांद पर भी सूरज उगता है?
चंद्रमा पर हर 14-15 दिन में सूरज उगता है. फिर इतने ही दिन अस्त रहता है. यानी वहां इतने दिनों तक रोशनी रहती है. फिर इतने ही दिनों तक अंधेरा रहता है. चंद्रमा अपनी धुरी पर घूमते हुए धरती का चक्कर लगाता रहता है. इसलिए उसका एक हिस्सा सूरज के सामने आता है, तो दूसरा पीछे चला जाता है. इसलिए हर 14-15 दिन पर सूरज की आकृति भी बदलती रहती है.
5. चांद पर कितने लोग गए?
धरती के इकलौते प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर अब तक 24 इंसान गए हैं. जिनमें से 12 लोगों ने मूनवॉक किया है. यानी 3.84 लाख किलोमीटर दूर इस छोटे ग्रह चहलकदमी की है. वो भी धरती से 1/6 ग्रैविटी वाली स्थिति में. उछलते हुए. ये सभी 24 लोग अमेरिकी थे. अब तक चांद पर कुल 111 मिशन भेजे गए हैं. जिनमें से 66 सफल हुए हैं. 41 फेल हुए थे. बाकी को आंशिक सफलता मिली थी.
6. चांद पर जाने वाले अगले मून मिशन
अमेरिकाः कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस (Commercial Lunar Payload Services - CLPS), लूनर ट्रेलब्लेजर (Lunar Trailblazer), VIPER यानी वोलाटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर और अर्टेमिस-2 (Artemis 2). ये सभी मिशन अगले एक साल में जाएंगे.
चीनः 2024 से 2027 के बीच अपना चांगई-6, 7 और 8 मिशन भेजेगा. चीन इस साल चंद्रमा पर अपने स्टेशन और सैटेलाइट्स के बीच संपर्क साधने के लिए लूनर कम्यूनिकेशन एंड नेविगेशन सैटेलाइट कॉन्स्टीलेशन भेजने वाला है. वह चांद से संपर्क स्थापित करने के लिए कई सैटेलाइट्स का जाल बिछा रहा है.
जापानः 27 अगस्त 2023 को स्लिम (Smart Lander for Investigation Moon - SLIM) भेजने की तैयारी में है. जिसमें ऑर्बिटर और लैंडर होंगे. इसके बाद 2024 में हाकुतो-2 (Hakuto-2) और 2025 में हाकुतो-3 (Hakuto-3) मिशन भेजेगा. यह भी एक लैंडर और ऑर्बिटर मिशन होगा.
इजरायलः 2024 में बेरेशीट 2 (Beresheet 2) लॉन्च हो रहा है. यह एक ऑर्बिटर और लैंडर मिशन होगा. जिसमें संभवतः दो लैंडर और एक ऑर्बिटर होगा. ऑर्बिटर मदरशिप होगा. लैंडर चांद के दो अलग-अलग हिस्सों में उतारे जाएंगे. यह कई सालों तक चलने वाला मिशन है. जिसमें एक साथ पहली बार दो लैंडर भेजे जा रहे हैं.