'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह...' अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म शहंशाह का ये डायलॉग तो सभी ने सुना ही होगा. अक्सर आम बातचीत में हम इसका इस्तेमाल भी कर लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म में ऐसा कोई डायलॉग है ही नहीं. लेकिन, फिल्म का असली डायलॉग है- 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं...'. दरअसल ऐसा होना 'मंडेला इफ़ेक्ट' का एक उदाहरण है. ऐसे ही कई उदाहरण आपको हम बताने जा रहे हैं.
पिकाचू की पूंछ... ज्यादातर लोगों की याद में पिकाचू की पूंछ पीली और काले रंग की है लेकिन ये भी भ्रम ही है. दरअसल, पिकाचू की पूंछ सिर्फ पीली ही है.अगर आप गूगल पर खोजेंगे तो आपको पिकाचू की पूंछ सिर्फ पीली ही मिलेगी.
इसी तरह भारत में ज्यादातर लोग केरल की स्पेलिंग अंग्रेजी में Ker(e)la लिखते हैं जबकि सही स्पेलिंग है - Ker(a)la.
क्या आपको पता है कि आपकी मनपसंद चॉकलेट किटकैट में कोई हायफ़न नहीं है. ये KitKat होता है ना की Kit-Kat.
90 के दशक का फेमस कार्टून Looney Tunes है, ना की Looney Toons.
आपने हैरी पॉटर तो जरूर देखी या पढ़ी होगी, लेकिन कितने लोगों को हॉगवर्ट्स का थीम सॉन्ग मालूम है. हैरी पॉटर के चौथे भाग में इसका जिक्र है. लेकिन ज्यादातर लोगों को ऐसा कुछ देख या सुन चुके होने की याद है ही नहीं. हैरी पॉटर का किरदार निभाने वाले डेनियल रैडक्लिफ ने जब एक इंटरव्यू में इसका जिक्र किया था, तब इंटरनेट पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई थी. कुछ लोगों को तो ये गाना याद था, लेकिन ज्यादातर लोगों के दिमाग में इसकी कोई मेमोरी नहीं थी.
आखिर क्या है 'मंडेला इफ़ेक्ट
'मंडेला इफ़ेक्ट' एक तरह का साइंटिफिक प्रभाव है, जिसके तहत कई सारे लोगों को एक ही तरह का भ्रम हो जाता है. जिस चीज को आप सालों से सच मानते आ रहे हैं, हो सकता है कि वह सच का बिगड़ा रूप हो या फिर सच से बिलकुल अलग हो.
इस प्रभाव को सबसे पहले नेल्सन मंडेला के केस में देखा गया था, जिसकी वजह से इसे नाम दिया गया 'मंडेला इफेक्ट'. ये आम जनधारणा थी कि नेल्सन मंडेला की मृत्यु 1989 में जेल में हो चुकी थी. कई लोगों ने इससे जुड़ी यादें भी बताईं, मंडेला के अंतिम संस्कार को भी याद किया, लेकिन उनकी ये याद पूरी तरह से गलत थी. दरअसल, नेल्सन मंडेला की मृत्यु 2013 में हुई थी.