बरसों से समुद्र विज्ञानी और एक्सपर्ट्स इस पर बहस कर रहे हैं कि टाइटैनिक के मलबे से चीजें निकाल कर कैसे लाई जाएं? मकसद ये है कि इन वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाकर लोगों को टाइटैनिक हादसे की जानकारी देना चाहते हैं. सवाल ये भी उठता है कि क्या इसी बहाने इंसान समुद्र के उस हिस्से की गहराई नापना चाहते हैं, जहां पर 1500 लोगों की मौत हो गई थी.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साल 1995 से 2005 के बीच जेम्स कैमरून 33 बार टाइटैनिक के मलबे तक गोता लगा चुके हैं. वह जानते हैं कि इस गहराई में किस तरह की दिक्कतें आती हैं. कैमरून एकदम सही समय पर सही जगह हिट कर रहे हैं. इस समय अमेरिकी सरकार ये सोच रही है कि मलबे पर नियंत्रण किया जाए. या उस कंपनी को काम दिया जाए, जो अब तक टाइटैनिक से 5500 चीजें ऊपर ला चुकी है.
जेम्स कैमरून व्यक्तिगत तौर पर टाइटैनिक से एक खास चीज निकाल कर लाना चाहते हैं. वो कई बार फ्रांसीसी सबमरीनर पॉल हेनरी नार्जियोलेट के साथ इस बात पर चर्चा कर चुके हैं. पॉल हेनरी इस साल जून में टाइटैनिक के पास टाइटन सबमर्सिबल हादसे में मारे गए थे. पॉल हेनरी RMS Titanic Inc. की उस गोताखोरी टीम के प्रमुख थे, जो वहां से कई समान लेकर बाहर आई.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने जेम्स कैमरून से कुछ सवाल-जवाब किए. जिमें यह खुलासा हुआ कि कैमरून टाइटैनिक हादसे, उसके मलबे और टाइटन हादसे के बारे में क्या कहते हैं? साथ ही वहां से क्या खास चीज निकाल कर लाना चाहते हैं.
किस तरह का नुकसान हो चुका है टाइटैनिक को?
उनसे पूछा गया कि क्या आपने अपने दस साल की गोताखोरी के समय टाइटैनिक जहाज में किसी तरह का नुकसान देखा? उसमें कोई बदलाव देखा? तब जेम्स ने कहा कि जहाज पर मौजूद पतली धातु की दीवारें तेजी से खत्म हो रही हैं. जैसे डेकहाउस. जो जहाज के सबसे ऊपरी हिस्से में है. और अगले हिस्से का मास्ट.
जेम्स ने कहा कि साल 2001 तक वह सही था. लेकिन 2005 में उसका एक हिस्सा टूट गया. मैगेलान नाम की कंपनी ने जो नई तस्वीर ली है. उसके मुताबिक 2022 में यह हिस्सा पूरी तरह से टूटा हुआ दिख रहा है. हल प्लेट्स की हालत खराब है. इस जगह की स्टील डेढ़ इंच मोची थी. जो करीब दो सदियों तक और इसी हालत में रहेगी.
क्या वहां लोगों के जाने से नुकसान होगा या हुआ है?
इंसानों के जाने से उतना नुकसान नहीं होता है, जितना सोचा जाता है. क्योंकि मैं दस साल तक वहां आता-जाता रहा. हमारे सबमर्सिबल जहाज के ऊपर उठो. सबमर्सिबल का वजन कुछ टन तो होता ही है. जब उसके उतरने से नुकसान नहीं हुआ, तो गोताखोरी से कुछ नहीं होगा. वहां पर जो भी नुकसान हो रहा है, वो प्राकृतिक क्षरण है. यह साल-दर-साल चलता रहेगा. टाइटैनिक को इस समय बैक्टीरिया की कॉलोनी खत्म कर रही है. इंसान नहीं.
क्या टाइटैनिक से चीजें निकाल कर लाना सही है?
जेम्स कहते हैं कि एक तरफ ये बात सही है कि वहां से चीजें निकाल कर लाना सही है. जहाज दो हिस्सों में टूटा हुआ है. वहां पर कई प्लेट्स, वाइन बॉटल, सूटकेस, जूते पड़े हैं. ये उन लोगों के हैं, जो डूब गए. इन्हें ऊपर लाने से इतिहास की कहानियां पता चलेंगी. जैसे वह घंटी जो फ्रेडरिक फ्लीट ने आइसबर्ग से टक्कर से पहले तीन बार बजाया था. अब इस घंटी को हजारों लोग देखते हैं. यह म्यूजियम में रखी है. इसके अलावा झूमर, मूर्तियां, सीढ़ियां ये सब भी तो हैं.
James Cameron describes what he thinks should be brought up from the Titanic ruins, and what should stay in the deep https://t.co/7FpgMPPW6H
— NYT Science (@NYTScience) September 20, 2023
आप क्या खास निकालना चाहते हैं टाइटैनिक से?
इस पर जेम्स कहते हैं कि टाइटैनिक के बो और स्टर्न वाले हिस्से में एक शानदार वायरलेस सिस्टम है. जिसका नाम है मैरकोनी सेट (Marconi Set). इसी सेट के जरिए रेस्क्यू शिप कैरपैथिया को SOS सिग्नल भेजा गया था. इससे ही टाइटैनिक की असली पोजिशन का पता चला था. जिसकी वजह से 700 लोगों की जान बचाई जा सकी.
टाइटैनिक का वायरलेस सेट अद्भुत है. वह बाकियों से अलग है. मैंने कई रिमोटली ऑपरेटेड समुद्री ड्रोन मैरकोनी सेट की खोज में भेजे लेकिन उसे सिर्फ देख पाए. निकाल नहीं पाए. यह यंत्र ऐसा है जिसे निकाल कर लोगों के सामने रखना चाहिए. इसे आराम से निकाला जा सकता है. बिना मलबे को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए. क्योंकि जहाज का यह हिस्सा तेजी से खराब हो रहा है. कुछ सालों में मैरकोनी सेट समुद्र में धंस जाएगा. फिर निकालना मुश्किल होगा.