भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने बंगाल की खाड़ी में आज यानी 14 अक्टूबर 2022 को परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) से एक मिसाइल दागी. मिसाइल की रेंज पहले से तय कर दी गई थी. मिसाइल ने टारगेट पर अत्यधिक सटीकता के साथ हमला किया. यह परीक्षण सिर्फ इसलिए किया गया था ताकि नौसैनिकों की तैयारी और अलर्टनेस देखी जा सके. साथ ही मिसाइल की तकनीकी की जांच की जा सके. लेकिन नौसेना ने यह नहीं बताया कि मिसाइल कौन सी थी? उसकी रेंज कितनी थी?
आमतौर पर तीनों सेनाएं परीक्षण से संबंधित कई चीजें नहीं बताती हैं. ये जानकारियां गुप्त रखी जाती हैं. लेकिन हम आपको बताते हैं कि नौसेना ने अपनी न्यूक्लियर सबमरीन से किस तरह की मिसाइल दागी होगी. उस मिसाइल के बारे में सबकुछ बताते हैं. असल में सबमरीन से दागी जाने वाली मिसाइलों को सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) कहा जाता है. ऐसा नहीं है कि पनडुब्बियों से सिर्फ बैलिस्टिक मिसाइलें ही दागी जाती हैं. क्रूज मिसाइलें भी लॉन्च की जाती हैं. फिलहाल बात करेंगे भारत में विकसित SLBM मिसाइल की.
भारतीय नौसेना जिन मिसाइलों के परीक्षण कर रही है, उनकी फैमिली का नाम है K family of Missiles. यहां पर K मतलब है कलाम (Kalam). यानी पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ये नाम रखा गया है. इन मिसाइलों को इसलिए विकसित किया गया है कि अगर जरुरत पड़े तो भारत दुश्मन पर सेकेंड स्ट्राइक कर सके. उसे नेस्तनाबूत कर सके. ज्यादातर K-Missiles की जानकारियों को गुप्त रखा गया है.
अग्नि मिसाइलों से ज्यादा घातक, तेज और हल्की
K-Missiles को उनके जमीनी वर्जन यानी अग्नि मिसाइल (Agni Missile) से हल्का, तेज और ज्यादा घातक माना जाता है. ये परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम होती हैं. इसमें दो तरह की मिसाइलें हैं. पहली K15 मिसाइल. ये साल 2017 से भारतीय नौसेना में शामिल है. दूसरी है K4 जिसके ट्रायल्स चल रहे हैं. इन्हें सेना में कब शामिल किया जाएगा या किया जा चुका है, इसकी आधिकारिक घोषणा फिलहाल नहीं की गई है. चलिए अब आपको बताते हैं कि K-Missiles परिवार की मिसाइलों की ताकत और रेंज क्या है.
के-15 या सागरिका मिसाइल (Sagarika Missile)
के-15 मिसाइल (K-15 Missile) या सागरिका मिसाइल (Sagarika Missile) का वजन 6 से 7 टन होता है. इसकी लंबाई 10 मीटर होती है. चौड़ाई 0.74 मीटर है. इसमें 1 से सवा टन तक वॉरहेड यानी हथियार लोड कर सकते हैं. सागरिका मिसाइल का जमीनी वर्जन शौर्य (Shaurya) के नाम से जाना जाता है. इसकी रेंज 750 से 1500 किलोमीटर है. लेकिन स्पीड बेहद तूफानी है. यह 9261 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी दुश्मन के पास बचने का समय नहीं होता.
#DRDO Submarine Launched Ballistic Missile by #INSArihant successfully tested today to a predetermined range & it impacted the target area in the Bay of Bengal with high accuracy, validating all operational and technological parameters
— Defence Decode® (@DefenceDecode) October 14, 2022
[File Video]pic.twitter.com/bhAGC20n3r
के-4 मिसाइल (K-4 Missile)
यह इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका वजन 17 टन है. 12 मीटर लंबी यह मिसाइल परमाणु हथियार लेकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 3500 किलोमीटर है. यह बीच रास्ते में ही अपने दिशा बदलकर दुश्मन को खत्म कर सकती है. इसकी गति के बारे में खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन इसके टक्कर की कोई मिसाइल पाकिस्तान के पास नहीं है.
के-5 मिसाइल (K-5 Missile)
कहा जा रहा है कि भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस मिसाइल को विकसित कर रहा है. ताकि भारतीय स्ट्रैटेजिक फोर्सेस को पानी के अंदर से दुश्मनों पर हमला करने के लिए बेहतरीन हथियार मिल सके. इस मिसाइल को भविष्य में अरिहंत क्लास सबमरीन्स में लगाया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की रेंज 5 से 6 हजार किलोमीटर होगी. इसकी स्पीड कितनी होगी ये बता पाना मुश्किल है. इस मिसाइल के परीक्षण का वर्ष साल 2022 ही चुना गया था. हो सकता है कि इसका परीक्षण चल रहा हो.
के-6 मिसाइल (K-6 Missile)
K-6 Missile को भी अभी डीआरडीओ विकसित कर रहा है. ये तीन स्टेज की सॉलिड फ्यूल वाली मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) होगी. जिसकी लंबाई 12 मीटर और व्यास 2 मीटर होगी. इसपर 2 से 3 टन वजनी वॉरहेड लगाया जा सकेगा. इस मिसाइल की रेंज 6 से 8 हजार किलोमीटर हो सकती है. इसे S5 क्लास सबमरीन में तैनात किया जा सकता है. इस मिसाइल के परीक्षण का वर्ष साल 2022 ही चुना गया था. हो सकता है कि इसका परीक्षण चल रहा हो.