
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 9 महीने बिताने के बाद NASA के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर धरती पर वापसी का सफर शुरू कर दिया है. मंगलवार की सुबह शुरू हुआ यह घर वापसी मिशन, मौसम की स्थिति अनुकूल रहने पर भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के तक फ्लोरिडा तट पर स्प्लैशडाउन के साथ खत्म होने की उम्मीद है.
सुरक्षित लैंडिंग जरूरी
स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल कर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने का नासा का फैसला इस लंबे स्पेस मिशन का अंत है जो शुरू में सिर्फ कुछ दिनों तक चलने वाला था. दोनों अंतरिक्ष यात्री जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार होकर ISS पहुंचे थे, लेकिन तकनीकी खराबी की एक सीरीज ने अंतरिक्ष यान को उनकी वापसी के लिए प्रतिकूल बना दिया. नतीजतन, उन्हें स्पेसएक्स ड्रैगन पर वापस लाने से पहले नासा के लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशन में शामिल कर लिया गया.
ये भी पढ़ें: सुनीता विलियम्स की घर वापसी... कैसे तय करेंगी धरती तक का सफर, तस्वीरों में देखें
रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान से उलट, जो अंतरिक्ष यात्रियों को महज 3.5 घंटे में पृथ्वी पर वापस ला सकता है, स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल को अपनी वापसी यात्रा पूरी करने में लगभग 17 घंटे लगते हैं. समयसीमा बढ़ने के पीछे कई फैक्टर्स हैं जो चालक दल की सुरक्षा और लैंडिंग की सटीकता पर निर्भर करते हैं. ISS करीब 420 किमी की ऊंचाई पर 28,000 किमी/घंटा (17,500 मील प्रति घंटे) की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. वापसी यात्रा के लिए लैंडिंग जोन के साथ सटीक एलाइमेंट की जरूरत होती है, जिसका अर्थ है कि ड्रैगन कैप्सूल अनडॉक करने के तुरंत बाद उतरना शुरू नहीं कर सकता.
स्पीड को कम करते हैं पैराशूट
सुरक्षित तरीके से वापस लौटने के लिए अंतरिक्ष यान को नियंत्रित डीऑर्बिट बर्न करना होगा. साथ ही स्प्लैशडाउन साइट की ओर अपने रास्ते को आराम से तय करना होगा. लैंडिंग के दौरान कैप्सूल वायुमंडलीय घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्म हो जाता है, जिससे अंतरिक्ष यान और चालक दल का धीरे-धीरे नीचे उतरना जरूरी हो जाता है. ऊंचाई पर अंतरिक्ष यान के उतरने की गति को धीमा करने के लिए ही पैराशूट तैनात किए जाते हैं, जिससे सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित होती है. स्पेसएक्स मौसम की स्थिति, समुद्री धाराओं और रिकवरी जहाजों की स्थिति के आधार पर लैंडिंग साइट का चयन करता है. अगर प्राथमिक लैंडिंग साइट पर स्थितियां प्रतिकूल हैं, तो कैप्सूल फिर से उतरना शुरू करने से पहले ऑर्बिट में ज्यादा समय तक रह सकता है.
जमीन पर उतरता है सोयुज
सोयुज एक सीधी और तेज गति से धरती पर वापसी करता है जिसमें ISS से अलग होने के बाद जल्द ही पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री की जाती है. वहीं ड्रैगन एक धीमी और नियंत्रित वापसी करता है. इसमें पृथ्वी की कई परिक्रमा शामिल होती हैं ताकि वायुमंडल में प्रवेश के लिए सबसे अनुकूल समय और स्थान को चुना जा सके. इसके अलावा सोयुज हमेशा जमीन पर उतरता है जबकि क्रू ड्रैगन समंदर में स्प्लैशडाउन करता है. इसे सुनिश्चित करने के लिए कि मौसम और समुद्री स्थिति सही हो, वापसी में अतिरिक्त समय लिया जाता है.
नासा का वापसी मिशन विल्मोर और विलियम्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होने के साथ शुरू हुआ. सबसे पहले हैच को सील किया और प्रस्थान से पहले की तैयारियां शुरू हुईं. वापसी मिशन में मुख्य घटनाओं की बात करें तो सबसे पहले अंतरिक्ष यात्री क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार हुए और हैच को सुरक्षित किया. फिर उन्होंने अपने फ्लाइट सूट पहने और सिस्टम की कई बार जांच की. इसके बाद अंतरिक्ष यान ISS से अनडॉक हो गया. अब ड्रैगन कैप्सूल के फ्लोरिडा के तट पर उतरने की उम्मीद है.
नासा मिशन के महत्वपूर्ण क्षणों का लाइव-स्ट्रीमिंग कर रहा है, जिसमें अनडॉकिंग सीक्वेंस, डीऑर्बिट बर्न और स्प्लैशडाउन का प्रोसेस शामिल है. एक बार जब कैप्सूल सुरक्षित रूप से उतर जाएगा, तो रिकवरी टीमें अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाएंगी और उन्हें मिशन के बाद के मूल्यांकन के लिए ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाएंगी.
मिशन का महत्व और भविष्य
विल्मोर और विलियम्स की वापसी एक विस्तारित मिशन के समापन को दिखाती है जिसे शुरू में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के लिए एक छोटी अवधि की टेस्टिंग उड़ान के रूप में डिज़ाइन किया गया था. हालांकि, स्टारलाइनर में खराबी के बाद नासा ने चालक दल की वापसी के लिए इसे बहुत जोखिम भरा माना, जिससे स्पेसएक्स के साथ एक वैकल्पिक व्यवस्था की गई.
इस मिशन का सफल समापन क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान की बहुमुखी प्रतिभा का साबित करेगा, जो नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. इसके अतिरिक्त, यह बोइंग के स्टारलाइनर कार्यक्रम के सामने आने वाली चुनौतियों को भी उजागर करता है, जिसमें बार-बार देरी और तकनीकी खामियां सामने आई हैं.