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यहां बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप... आकाशगंगा के दिल तक देख सकेगा

दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप बहुत जल्द तैयार होने वाला है. गुंबद बनकर तैयार है. प्रोटेक्टिव पैनल्स लग रहे हैं. इसके बाद टेलिस्कोप लगाया जाएगा. फिर जमीन से ही आकाशगंगा के दिल में झांक सकेंगे हमारे वैज्ञानिक. आइए जानते हैं कि ये टेलिस्कोप कहां है? क्यों बनाया जा रहा है? इससे किस तरह का फायदा होगा?

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ये है दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप का विशालकाय गुंबद. जिसका काम पूरा हो चुका है. (फोटोः ESO)
ये है दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप का विशालकाय गुंबद. जिसका काम पूरा हो चुका है. (फोटोः ESO)

दुनिया का सबसे बड़ा टेलिस्कोप लगभग बनकर तैयार है. अंतरिक्ष की गहराई में झांकने वाले टेलिस्कोप का गुंबद तैयार हो चुका है. उसके चारों तरफ प्रोटेक्टिव पैनल्स लग रहे हैं. इस टेलिस्कोप का नाम है एक्स्ट्रीमली लार्ज टेलिस्कोप (Extremely Large Telescop - ELT). यह चिली के अटाकामा रेगिस्तान में बनाया जा रहा है. 

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इसे सेरो आर्माजोन्स पहाड़ पर यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी (ESO) बना रहा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा विजिबल और इंफ्रारेड-लाइट टेलिस्कोप होगा. माना जा रहा है कि साल 2028 में यह अपना काम शुरू करेगा. ESO ने पहली बार टेलिस्कोप के गुंबद के अंदर से रात की तस्वीर जारी की थी. जिसमें हमारी आकाशगंगा दिख रही है. 

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World's Largest Telescope

इस तस्वीर में आकाशगंगा का सेंटर का दिख रहा है. ईएसओ ने अपने बयान में कहा है कि विकसित होना एक कठिन कार्य है. फिलहाल ELT रात में आराम कर रहा है. यह ढांचा 262 फीट ऊंचा और 289 फीट चौड़ा है. अब इस गुंबद के चारों तरफ गहरे नीले रंग के पैनल्स लगेंगे. ये सुरक्षा प्रदान करने वाले इंसुलेटेड कवर होते हैं.

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ऐसे सुरक्षित रखा जाएगा टेलिस्कोप को 

ये पैनल्स गुंबद के चारों तरफ लगाए जाएंगे. इसके बाद उनके ऊपर एल्यूमिनियम की बाहरी परत बनाई जाएगी. जब यह काम पूरी तरह से हो जाएगा. तब टेलिस्कोप को इंस्टॉल किया जाएगा. इसके बाद टेलिस्कोप को रात में ही ऑपरेट किया जाएगा. ताकि हल्की सी रोशनी को भी कैप्चर किया जा सके. दिन में इसका गुंबद बंद रहेगा. 

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World's Largest Telescope

क्यों सिर्फ रात में काम करेगा टेलिस्कोप? 

चिली के अटाकामा रेगिस्तान में तापमान काफी तेजी से ऊपर और नीचे जाता है. इसलिए दिन में टेलिस्कोप की सुरक्षा के लिए गुंबद बंद रहेगा. इससे गुंबद के अंदर का तापमान सामान्य रहेगा. उसपर किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. गुंबद के बीच में ही मुख्य ढांचा बना है. इसे एजीमुथ स्ट्रक्चर कहते हैं. यही टेलिस्कोप को संभालता है. इस टेलिस्कोप का भविष्य में वर्किंग डे नहीं बल्कि वर्किंग नाइट होगी. यानी ये पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ रात में ही इस्तेमाल किया जाएगा. 

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