ग्रीनपीस (Greenpeace) ने दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों (World's Most Polluted Countries) की साल 2022 की सूची निकाली है. इस रिपोर्ट में टॉप टेन देशों में 8 एशियाई और दो अफ्रीकन देश हैं. पहले नंबर पर चाड है जिसने 89.7 अंक हासिल किए हैं. यानी इस देश में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय PM2.5 के मानकों की धज्जियां उड़ रही हैं. भारत भी इसमें पीछे नहीं है.
WHO का स्टैंडर्ड है कि PM2.5 का लेवल हवा में 50µg/m3 से ज्यादा होता है, तो प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है. लेकिन भारत जैसे दस देश हैं, जो इस स्तर को पार कर चुके हैं. इसके पार ही रहता है प्रदूषण. भारत उन देशों में शामिल है, जिनका WHO के स्टैंडर्ड के हिसाब से अत्यधिक PM2.5 लेवल है. पहले जानिए वो 10 देश कौन से हैं, जहां पर PM2.5 का लेवल तय मानकों से बहुत ज्यादा है.
ये हैं टॉप टेन देश सबसे प्रदूषित देश (WHO के मुताबिक इन देशों की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित)
1. चाड 89.7
2. इराक 80.1
3. पाकिस्तान 70.9
4. बहरीन 66.6
5. बांग्लादेश 65.8
6. बुरकीना फासो 63.0
7. कुवैत 55.8
8. भारत 53.3
9. मिस्र 46.5
10. ताजिकिस्तान 46.0
131 देशों की सूची में सबसे साफ हवा कहां पर (WHO के मुताबिक इन देशों की हवा सबसे साफ)
1. गुआम 1.3
2. फ्रेंच पॉलीनेशिया 2.5
3. वर्जिन आइलैंड्स 2.9
4. बरमूडा 3.0
5. बोनेयर, सिंट यूसेटिस एंड साबा 3.3
6. आइसलैंड 3.4
7. न्यू कैलेडोनिया 3.5
8. ग्रेनाडा 3.8
9. ऑस्ट्रेलिया 4.2
10. प्यूर्टो रिको 4.3
दिल्ली प्रदूषण के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर
अगर दुनिया भर के देशों की राजधानियों की बात करें तो नई दिल्ली (New Delhi) दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानियों में दूसरे नंबर पर आता है. देश भले ही आठवें नंबर पर हो, लेकिन राजधानी प्रदूषण में और आगे हैं. चाड की राजधानी एनजामेना पहले नंबर, दूसरे पर दिल्ली, तीसरे पर बगदाद, चौथे पर मनामा, पांचवे पर ढाका, छठे पर ओउगाडोउगोउ (बुरकीना फासो), सातवें पर कुवैत सिटी, आठवें पर अबु धाबी, नौवे पर दुशांबे और दसवें काहिरा.
कैसी है भारत और उसके प्रमुख शहरों की स्थिति
भारत के छह बड़े शहरों में आते हैं- दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई. अब ग्रीनपीस की रिपोर्ट के अनुसार उनके डेटा को देखें तो पता चलता है कि इन शहरों में सबसे ज्यादा प्रदूषित दिल्ली है. जहां पर पूरे साल AQI बुरी स्थिति में रहती है. दिल्ली में सिर्फ जुलाई और अगस्त का महीना ऐसा होता है, जब बारिश की वजह से थोड़ी हवा साफ होती है. नहीं तो पूरे साल PM2.5 का स्तर खतरनाक ही रहता है.
दिल्ली की तुलना में बाकी पांचों शहरों की स्थिति ज्यादा बेहतर है. कोलकाता में प्रदूषण का स्तर पिछले दो साल से खराब चल रहा है. लेकिन मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई की स्थिति दिल्ली और कोलकाता से बेहतर है. पिछले साल मुंबई की हवा पांच महीने बहुत ज्यादा खराब रही. ऐसी ही स्थिति हैदराबाद की थी. लेकिन बेंगलुरु और चेन्नई की स्थिति सबसे बेहतर रही है.
हर साल वायु प्रदूषण से करीब 80 लाख लोग मरते हैं
हर साल वायु प्रदूषण की वजह से 80 लाख लोगों की मौत होती है. 2.5 माइक्रोमीटर यानी PM 2.5 आकार के प्रदूषणकारी कण आपकी सांस के रास्ते खून में मिल जाते हैं. जिनकी वजह से स्ट्रोक, लंग कैंसर और दिल की बीमारियां हो रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियमों के मुताबिक हर दिन किसी इंसान को PM 2.5 का अधिकतम एक्सपोजर 15 μg/m3 होना चाहिए. लेकिन 2000 से 2019 से इसका औसत 32.8 μg/m3 था. यानी दोगुने से भी ज्यादा.
वायु प्रदूषण का होता है एक मौसमी पैटर्न
वायु प्रदूषण का एक मौसमी पैटर्न होता है. उत्तर पश्चिम चीन और उत्तर भारत में पेट्रोल-डीजल के इस्तेमाल से सर्दियों में प्रदूषण बढ़ता है. लेकिन उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट पर गर्मियों में बढ़ जाता है. साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया में लगी जंगली आग ने वहां के वायु गुणवत्ता को बहुत बिगाड़ दिया था. जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले ऐसे हादसे लगातार बढ़ रहे हैं.