अमेरिका के फ्लोरिडा में एक जगह है ऑरलैंडो. वहां पर एक एलिगेटर एम्यूजमेंट पार्क है. जहां हाल ही में एक बेहद दुर्लभ मगरमच्छ पैदा हुआ है. इस समय यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. देखने में यह अल्बीनो मगरमच्छ लगता है. लेकिन यह उससे भी दुर्लभ स्थिति वाला लियुसिस्टिक एलिगेटर (Leucistic Alligator) है.
अल्बीनो होने का मतलब होता है शरीर में रंग निर्धारण करने वाले मेलेनिन (Melanin) की कमी. लेकिन लियुसिस्टिक का मतलब खास तरह के पिगमेंट पैदा करने वाली कोशिकाओं में गड़बड़ी. इस मगरमच्छ का नाम है गैटोरलैंड ऑरलैंडो (Gatorland Orlando). यह अन्य लियुसिस्टिक मगरमच्छों की तरह पीले रंग और गुलाबी आंखों वाला नहीं है.
इसकी आंखें क्रिस्टल ब्लू रंग की है. त्वचा का रंग गुलाबी है. जो रोशनी में ज्यादा तेज चमकती हैं. एम्यूजमेंट पार्क की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक 36 साल बाद कोई लियुसिस्टिक मगरमच्छ मिला है. इससे पहले लुईसियाना में ऐसा मगरमच्छ मिला था. लेकिन यह सफेद-गुलाबी रंग का मगरमच्छ दुनिया का सबसे दुर्लभ है.
इसे वैज्ञानिक भी दुर्लभ से ऊपर की कैटेगरी का मगरमच्छ मान रहे हैं. यह अपनी तरह का दुनिया का पहला मगरमच्छ है. दुनिया में इस समय सिर्फ सात लियुसिस्टिक मगरमच्छ मौजूद है. इनमें से गैटोरलैंड एम्यूजमेंट पार्क में तीन मगरमच्छ हैं. लेकिन नया वाला मगरमच्छ एकदम अलग है.
गैटोरलैंड एम्यूजमेंट पार्क के सीईओ माीर्क मैक्ह्यू कहते हैं कि हमारा पार्क दुनिया का सबसे बड़ा सफेद मगरमच्छों का ब्रीडिंग सेंटर है. साल 2008 में न्यू ओरलींस के ऑडूबोन चिड़ियाघर से कुछ मगरमच्छ आए थे. इनमें से एक नर मगरमच्छ का नाम है जेयान. इसके शरीर पर मौजूद स्केल्स सफेद चॉकलेट जैसे दिखते हैं.
मादा मगरमच्छ एश्ले सामान्य दिखती है लेकिन इसके अंदर भी लियुसिस्टिक मगरमच्छों के जीन्स हैं. अगस्त में एश्ले ने दो अंडे दिए. उन्हें जेयान ने हैच किया. इसके बाद उनमें से एक मगरमच्छ बाहर निकला. जब यह बाहर आया तब इसके आंखें एकदम नीली और स्किन का रंग सफेद-गुलाबी था. जबकि दूसरे अंडे से सामान्य मगरमच्छ.