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Israel में हाथी के दांत से बनी कंघी में खुदा मिला दुनिया के सबसे पहले अक्षरों से बना वाक्य

इजरायल में दुनिया के पहले अक्षर मिले हैं. इससे बना वाक्य मिला है. वह भी हाथी दांत से बनी प्राचीन कंघी पर उकेरे हुए. वैज्ञानिकों ने इस कंघी पर कुल 26 अक्षर खोजे हैं. अब इनसे बने वाक्यों का ट्रांसलेशन किया जा रहा है. ये दुनिया के सबसे पहले अक्षर और उनसे बने सबसे पुराने वाक्य माने जा रहे हैं.

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ये है वो हाथी दांत से बनी कंघी, जिसपर मिले हैं दुनिया के सबसे पहले अक्षरों से बने प्राचीन वाक्य. (फोटोः डाफना गाजिर/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)
ये है वो हाथी दांत से बनी कंघी, जिसपर मिले हैं दुनिया के सबसे पहले अक्षरों से बने प्राचीन वाक्य. (फोटोः डाफना गाजिर/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)

इजरायल में वैज्ञानिकों ने एक हाथी दांत से बनी कंघी (Ivory Comb) खोजी. जब उसे साफ किया तो हैरान रह गए. इस कंघी में दुनिया के सबसे पहले अक्षर (World's First Alphabet/Letters) मिले. उन अक्षरों से बने वाक्य (Oldest Sentence) मिले. इस कंघी पर 25 अक्षर मिले हैं, जिनसे कुछ वाक्य उकेरे गए हैं. 

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हाथी दांत से बनी यह कंघी 1.4 इंच लंबी और एक इंच चौड़ी है.  इस कंघी की खोज कुछ साल पहले इजरायल के तेल लाचिश (Tel Lachish) में मिला था. तब से इसकी सफाई और स्टडी चल रही है. इस कंघी पर सात अलग-अलग तरह के वाक्य लिखे हैं. ये वाक्य हैं- ytš ḥṭ ḏ lqml śʿ[r w]zqt. इस वाक्य का मतलब है कि हाथी दांत से बनी यह कंघी आपके सिर और ढाढ़ी से जुएं निकालती है. 

कंघी की इस फोटो में आपको दिख जाएंगे पुराने अक्षर और उनसे बने वाक्य. (फोटोः डाफना गाजिट/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)
कंघी की इस फोटो में आपको दिख जाएंगे पुराने अक्षर और उनसे बने वाक्य. (फोटोः डाफना गाजिट/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)

माना जाता है कि उम्मीद से भरा यह वाक्य 1700 ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया होगा. पुरातत्वविदों की माने तो इजरायल के केंद्र में मौजूद कैनाइट इलाके की यह भाषा है. यह लिखावट भी प्राचीन कैनाइट भाषा है. इसे फोनीशियन अक्षर (Phoenician Alphabet) भी कहते हैं. इन अक्षरों को दुनिया का पहला अक्षर और उससे बने वाक्य को सबसे पुराना वाक्य माना जा रहा है. 

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पुरातत्वविदों की माने तो इन्ही अक्षरों से अरबी, ग्रीक, हीब्र्यू, लैटिन और रूसी भाषा का निर्माण हुआ है. क्योंकि ये अक्षर इन भाषाओं से मिलते-जुलते हैं. यहां तक की चीन की लेखनी में शामिल पिक्टोग्राम्स 5000 साल ही पुराने माने जाते हैं. लेकिन इजरायल में मिले अक्षर शब्दों के फोनेटिक आधार को बनाते हैं. क्योंकि इस कंघी पर लिखे वाक्यों का जो मतलब है वो बेहद उम्मीद से भरा और सकारात्मक है. 

कंघी के दांतों के बीच मिले हैं जुएं के जीवाश्म. (फोटोः डाफना गाजिट/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)
कंघी के दांतों के बीच मिले हैं जुएं के जीवाश्म. (फोटोः डाफना गाजिट/इजरायल एंटीक्विटी अथॉरिटी)

इजरायल के जेरुसलम स्थित हीब्य्रू यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद योसेफ गारफिंकेल कहते हैं कि उनके देश में कैनाइट भाषा का यह पहला वाक्य है. सीरिया के यूगैरिट में भी कैनाइट्स भाषा होती थी. लेकिन उनकी लिपि अलग थी. लेकिन अक्षर यही थे, जो यहां मिली कंघी में उकेरे गए हैं. इसका मतलब ये है कि हमारे देश में 3700 साल से पहले सामान्य दिनचर्या में भी बोलचाल की भाषा थी. जो लिखी और उकेरी जाती थी. 

योसेफ ने कहा कि कंघी पर मौजूद लिखावट के अक्षर एक मिलिमीटर से ज्यादा बड़े नहीं हैं. कुछ तो धुंधले हो चुके हैं. कुछ को समझना मुश्किल हो रहा है. उन्हें समझने के लिए उनके अगल-बगल लिखे अक्षरों पर रिसर्च किया जा रहा है. इस कंघी के एक तरफ मोटो छह दांत है, दूसरी तरफ महीन 14 दांत. ताकि बालों और दाढ़ी से जुएं निकाले जा सकें. 

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इस कंघी को बनाने के लिए जिस हाथी दांत का इस्तेमाल किया गया है, उसे मिस्र से मंगाया गया था. क्योंकि उस समय इस तरह की कंघी बेहद रईस लोग ही रख सकते थे. इसका मतलब ये है कि जेरुसलम में रहने वाले रईस लोगों के सिर और दाढ़ी में जुएं का खतरा था. इसलिए लोग इस तरह के कीमती सजावट के सामान रखते थे. 

यहां बहती है 'खून की नदी'!

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