हो सकता है कि कांग्रेस की रणनीति हो कि यदि सीट शेयरिंग पर सपा से बात नहीं बन पाए, तो पार्टी के पास बसपा से गठबंधन के रूप में प्लान बी मौजूद रहे. शायद, इसलिए अखिलेश के विरोध के बाद भी कांग्रेस ने बसपा से बातचीत की खिड़की खुली रखी है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती के इंडिया गठबंधन पर नरम और अखिलेश को लेकर तल्ख रवैये को कांग्रेस का बैलेंस गेम माना जा सकता है.