एक शोध छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के बाबत जब पूर्व छात्रसंघ के सदस्यों की तस्वीरें मांगी गईं तो बताया गया कि तस्वीरें नहीं हैं. बाद में सभी तस्वीरें कूड़े के ढेर में दीमक लगी हालत में मिलीं.