वसुंधरा राजे 1985 में पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुईं और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो पिछले 20 साल से सूबे की सियासत में सक्रिय हैं. यही उनकी ताकत है.