पकड़े गए सभी आरोपी फर्जी निवेश योजनाओं के ज़रिए पीड़ितों को लुभाने के काम में शामिल थे. धोखाधड़ी का शिकार होने वाले लाखों लोगों में प्रदेश के एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. कई पुलिसवाले तो VRS लेकर केवल इसी काम में जुट गए थे.