प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो चिंता जताई थी, वो अब बड़ी होती जा रही है. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में कहा था कि डीपफेक पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है. इसका इस्तेमाल जानबूझकर झूठ फैलाने के लिए किया जा सकता है. ये बात धीरे-धीरे सच साबित होती जा रही है.