जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव कई दशकों तक समाजवाद की मुखर आवाज माने जाते रहे हैं. उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर के आखिरी पड़ाव में लालू यादव से हाथ मिलाया और अपनी पार्टी का विलय किया था.