टाटा बोर्ड ने आरोप लगाया था कि साइरस मिस्त्री की अगुवाई में टाटा ग्रुप की रफ्तार सुस्त हुई और ग्रुप उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ा. अचानक साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को हटाए जाने से हर कोई हैरान था. क्योंकि एक समय रतन टाटा के बेहद करीबी थे साइरस मिस्त्री.