गाजीपुर जेल में सलाखों के पीछे बंद अपराधियों ने एक नया धंधा शुरू कर दिया था. 'अवैध कॉल सेंटर'का. बाहर बैठे लोगों को धमकाने, सौदेबाजी करने और अपने गुनाहों को छिपाने के लिए जेल ही इनका नया ठिकाना बन चुका था. कोई सोच भी नहीं सकता था कि जिस जगह पर अपराधियों को सुधरना चाहिए, वहीं से वो अपना गैंग ऑपरेट कर रहे थे और हैरानी की बात ये थी कि इस खेल में जेल के कर्मचारी भी शामिल थे.