क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग का कहर इतना ज्यादा हो गया है कि अगर अभी ये बंद भी हो जाएं तब भी हम ग्लेशियर को पिघलने से फिलहाल नहीं रोक सकते हैं.