दुल्हन कानपुर में बैठी थी, जबकि दूल्हा हजारों किलोमीटर दूर जर्मनी में था. काजी साहब ने लैपटॉप पर ऑनलाइन निकाह पढ़ा. दूल्हा और दुल्हन कुबूल है, कुबूल है... बोलकर एक दूजे के हो गए.