देश सेवा और पिता का सपना लेकर घर से निकली बेटी को नहीं पता था कि वह अपने पिता को आखिरी बार देख रही है. अग्निपथ योजना के तहत भारतीय नौसेना में अग्निवीर बन गई. परिवार, गांव, मां और बहुत लोग थे जो उसकी इस उपलब्धि का जश्न मना रहे थे लेकिन जो पिता बेटी के कामयाब होने का सपना देख रहा था वह उसे सच होते नहीं देख पाया.