एक मीडिया रिपोर्ट में श्रीलंका और भारत के पूर्व राजनयिकों के हवाले से लिखा है कि 1970 के दशक में इंदिरा सरकार द्वारा यह समझौता सद्भावना में किया गया था. जिसके तहत दोनों देश ने कुछ पाया और कुछ खोया.