महाराष्ट्र के पुणे की एक विशेष अदालत अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में फैसला सुनाया.इस साजिश के मास्टरमाइंड डॉक्टर वीरेंद्र तावड़े सबूतों के अभाव में बरी हो गए. वहीं, दाभोलकर को गोली मारने वाले शरद कालस्कर और सचिन एंडुरे को आजीवन कारावास की सजा और 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया.