रूसी संविधान में किए गए संशोधन के मुताबिक, अब वहां राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को लगातार 25 सालों तक रूस में रहना जरूरी बना दिया गया. ये मौजूदा हालातों में शायद ही संभव हो. ऐसे में प्रेसिडेंट पद के लिए दावेदार अपने आप घट जाएंगे. फायदा पुतिन को मिलेगा.