सऊदी अरब नहीं चाहता कि अमेरिका और ब्राजील जैसे देश उसके हिस्से का तेल बेचें. इससे पहले सऊदी अरब ओपेक प्लस देशों के साथ मिलकर लगातार तेल उत्पादन में कटौती कर रहा था, ताकि तेल की कीमतें बढ़े. लेकिन, बहुत कोशिशों के बाद भी तेल की कीमतों में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ. यही वजह है कि आखिर सऊदी अरब तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए तैयार हो गया.