मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के टमाटर उत्पादक किसान अब अपना टमाटर फेंकने में जुटे हैं क्योंकि टमाटर बेचना महंगा ओर फेंकना सस्ता साबित हो रहा है.