1 मई 2024. यही वो तारीख थी, जिस दिन सीतापुर के पाल्हापुर गांव में कोहराम मच गया. एक घर के सामने खुली जगह पर तीन छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर पड़े बुरी तरह तड़प रहे थे. चीख़ रहे थे. इनमें 12 साल की एक बच्ची आरना, 8 साल का उसका छोटा भाई आद्विक और 7 साल का उसकी छोटी बहन अरवी शामिल थी.