शारदा सिन्हा हमेशा अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने में विश्वास रखती थीं. उन्होंने कभी अपने स्वार्थ को कभी इतना ऊंचा नहीं किया कि उन्हें अश्लील गाने गाने की जरूरत पड़े.