गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की अनुभवी शटलर साइना नेहवाल ने हमवतन पीवी सिंधु को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया. महिला सिंगल्स के फाइनल में साइना ने सीधे गेमों में सिंधु को 21-18, 23-21 से हराया. यह मुकाबला कांटे का रहा और 56 मिनट तक चला. सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. साइना राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले उन्होंने 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता था.
साइना ने अपने करियर में सिंधु को चौथी बार हराया -
साइना VS सिंधुः 4-1
2014- इंडिया ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड : साइना ने सिंधु को 21-14, 21-17 से हराया
2017- योनेक्स इंडिया सनराइज ओपन में सिंधु ने साइना को 21-16, 22-20 से हराया
2017- सीनियर बैडमिंटन नेशनल चैंपियनशिप में साइना ने सिंधु के 21-17, 27-25 से हाराया
2018 - इंडोनेशिया मास्टर्स: साइना ने सिंधु को 21-13, 21-19 से हराया
2018- कॉमनवेल्थ गेम्स में साइना ने सिंधु को 21-18, 23- 21 से हराया
फाइनल मुकाबले में देश की दो बड़ी स्टार खिलाड़ी आमने-सामने थीं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद की जा रही थी और हुआ भी कुछ ऐसे ही. गोल्ड मेडल मैच में साइना ने अपने तजुर्बे का भरपूर इस्तेमाल किया. पहले गेम में दोनों खिलाड़ियों ने जबरदस्त खेल दिखाया. लेकिन दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी साइना ने शुरुआत से ही खेल पर अपनी पकड़ मजबूत रखी. पहले गेम में साइना ने अपने स्ट्रोक्स पर अच्छा कंट्रोल रखा. ज्यादा नेगेटिव शॉट्स नहीं खेले और पहला गेम 21-18 से जीतने में कामयाब रहीं.
दूसरे गेम में हुई कांटे की टक्कर
साइना और सिंधु के बीच दूसरे गेम में कांटे की टक्कर देखने को मिली. सांसें रोक देने वाले इस मकाबले को साइना ने बड़ी मुश्किल से 23-21 से दूसरा गेम जीता. दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने गजब का खेल दिखाया. पहले गेम में हुई अपनी गलतियों से सबक लेकर उन्होंने शानदार शाट्स खेले. दूसी तरफ साइना ने अपने गेम पर फोकस बनाए रखा और रणनीति में थोड़ा बदलाव किया. इस गेम में साइना ने सिंधु के खिलाफ हाफ स्मैश, क्रॉस ड्रॉप शाट्स और थर्ड लाइन टॉस मारे. जिसकी वजह से सिंधु शटल तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाईं और अटैकिंग गेम नहीं खेल सकीं, जिसकी वजह से उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.
गोल्ड मेडलिस्ट बनीं साइना
साइना नेहवाल की गिनती दुनिया के बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ियों में होती है. वो बैडमिंटन की दुनिया के कई बड़े टूर्नामेंट को जीत चुकी हैं और देश का नाम रोशन कर चुकी हैं. साइना लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल विजेता हैं. उनका मकसद एशियन गेम्स और 2020 ओलंपिक में अपने पदक का रंग बदलने का है.