भारत के मुक्केबाज गौरव सोलंकी ने मुक्केबाजी में दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया. गौरव ने पुरुषों की 52 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा के फाइनल में नॉर्दर्न आयरलैंड के ब्रेंडन इर्विन को 4-1 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. 21 साल के गौरव का यह कॉमनवेल्थ खेलों में पहला मेडल है.
गौरव सोलंकी ने ऐसे जीता गोल्ड
फरीदाबाद के रहने वाले गौरव ने पहले राउंड में अटैकिंग गेम खेला. उन्होंने अपने बाएं पंच से अच्छे अंक हासिल किए और विरोधी मुक्केबाज इर्विन को खूब परेशान किया. दूसरे राउंड में गौरव और ज्यादा आक्रामक हो गए और उन्होंने लगातार पंच मारते हुए इर्विन पर दबाव बनाए रखा. इस राउंड में गौरव ने कुछ अच्छे अपर-कट का इस्तेमाल भी किया. इर्विन काउंटर तो कर रहे थे, लेकिन ज्यादा सफल नहीं हो पाए. आखिरी राउंड में गौरव ने और बेहतर प्रदर्शन किया और इर्विन को आक्रमण नहीं करने दिया.
आर्मी के जवान हैं गौरव
गौरव की गिनती देश प्रतिभाशाली मुक्केबाजों में होती है. गौरव ने कभी भी बॉक्सिंग के नेशनल चैंपियन नहीं बने. भारतीय बॉक्सिंग टीम के चीफ कोच एसआर सिंह ने स्पेशल ट्राइल के जरिए उन्हें सेलेक्ट किया था. ट्राइल में उन्होंने नंबर एक स्थान हासिल किया था. इंडियन कैंप में आने के बाद चीफ कोच एसआर सिंह और धर्मेंद्र सिंह यादव ने उन पर खास ध्यान दिया और जमकर ट्रेनिंग कराई. इस मेहनत का असर उन्हें जल्द मिला. गौरव ने पहले इंडियन ओपन में गोल्ड जीता. फिर बुलगारिया में स्ट्रेंजा कप में जीतकर अपने होने का अहसास कराया. इसके बाद अपने पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा.