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CWG: राहुल अवारे के 'गोल्डन दांव' में ऐसे फंसा कनाडा का पहलवान

भारत के युवा पहलवान राहुल अवारे ने गोल्ड कोस्ट में 'गोल्ड के दंगल' में विरोधी पहलवान को चित करके सोने का तमगा हासिल किया. फाइनल मुकाबले में उन्होंने पुरुषों की फ्री स्टाइल 57 किलोग्राम में कनाडा के पहलवान स्टीवन ताकाहाशी को शिकस्त दी.

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राहुल अवारे
राहुल अवारे

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भारत के युवा पहलवान राहुल अवारे ने गोल्ड कोस्ट में 'गोल्ड के दंगल' में विरोधी पहलवान को चित करके सोने का तमगा हासिल किया. फाइनल मुकाबले में उन्होंने पुरुषों की फ्री स्टाइल 57 किलोग्राम में कनाडा के पहलवान स्टीवन ताकाहाशी को शिकस्त दी. दोनों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला. आखिरकार 26 साल के राहुल ने हमउम्र विरोधी पहलवान पर ऐसा दांव आजमाया कि वो उससे निकल नहीं सका.

गोल्ड मेडल ऐसे जीते राहुल

मुकाबले के पहले ही मिनट में ही राहुल ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए ताकाहाशी को पटककर दो अंक हासिल किए. हालांकि, अगले ही पल राहुल को संभलने का मौका नहीं देते हुए कनाडा के पहलवान ने पलटते हुए चार अंक ले लिए. इसके बाद राहुल ने भी ताकाहाशी पर दबाव बनाया और उन्हें रोल करते हुए छह अंक ले लिए. कनाडा के पहलवान ने भी हार नहीं मानी और राहुल को अच्छी टक्कर देते हुए दो अंक लिए और 6-6 से बराबरी कर ली.

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महाराष्ट्र के राहुल ने भी अपनी तकनीक को अपनाते हुए एक बार फिर ताकाहाशी को पकड़ा और फिर रोल करते हुए तीन और अंक हासिल करते हुए 9-6 से बढ़त ले ली. यहां राहुल को दर्द की समस्या हुई, लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए उन्होंने वापसी की और दो अंक और हासिल किए. मुकाबले के आखिरी के कुछ सेकेंड रह गए थे और एक बार फिर राहुल ने ताकाहाशी पर शिकंजा कस 15-7 से जीत हासिल कर भारत की झोली में 13वां स्वर्ण पदक डाल दिया.

राहुल का शानदार प्रदर्शन

26 साल के राहुल का यह पहला कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला गोल्ड मेडल है. लेकिन वो अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अपने होने का अहसास दुनिया को पहले भी करा  चुके हैं. राहुल ने मेलबर्न कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलो में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलवा एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में के  57 किलों में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिला चुके हैं.

2020 के ओलंपिक पर नजरें

राहुल का सपना तो ओलंपिक जैसे खेलों के महाकुंभ में देश को गोल्ड मेडल दिलाना  हैं. जो काम देश के महान पहलवान सुशील कुमार नहीं कर सके वो उसे पूरा करना चाहते हैं. राहुल का मिशन गोल्ड कोस्ट में खत्म नहीं होता. बल्कि 2020 ओलंपिक के लिए शुरू होता है.

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