भारत की ओर से एथलीट नीरज चोपड़ा शनिवार को राष्ट्रमंडल खेलों की भालाफेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए है. नीरज के अलावा डिस्कस थ्रो में आठवें दिन भारत को दो पदक हासिल हुए थे. अनुभवी डिस्कस थ्रोअर सीमा पूनिया ने सिल्वर और युवा नवजीत ढिल्लन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन 20 बरस के नीरज ने शुक्रवार को पहले ही थ्रो में क्वालीफाइंग आंकड़े को छूकर फाइनल में जगह बनाई थी और आज भी वह अपने पहली ही थ्रो के साथ अन्य प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाने में सफल रहे. नीरज ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘यह मेरे लिये बेहद अहम पदक है, मैं अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था लेकिन एक सेंटीमीटर से चूक गया. मैंने उसके लिये व्याकुल होकर इतनी कोशिश की कि आखिरी दो प्रयास अच्छे नहीं गए. मुझे बहुत खुशी है कि यह पदक जीता. आगे कई टूर्नामेंट हैं जिनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का मौका मिलेगा.’
पिछले महीने पटियाला में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 85.94 मीटर का थ्रो फेंककर उन्होंने स्वर्ण जीता था. ओलंपिक रजत पदक विजेता कीनिया के जूलियस येगो फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके थे. वहीं 2012 ओलंपिक चैम्पियन और रियो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता केशोर्न वालकाट ने इन खेलों में भाग नहीं लिया.
नीरज राष्ट्रमंडल खेलों में भालाफेंक में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. इससे पहले 2010 में दिल्ली खेलों में काशीनाथ नाईक ने कांस्य जीता था. नीरज ने कहा, ‘यहां प्रतिस्पर्धा अच्छी थी, विश्व चैम्पियन भी खेल रहा था जो क्वालीफाई नहीं कर सका. मुझे अपने प्रदर्शन पर भरोसा था.’
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं नीरज
हरियाणा के रहने वाले नीरज की गिनती मौजूदा समय में दुनिया के बेस्ट भाला फेंकने वालों में होती है. वो दुनिया के उन चार भाला फेंकने वालों में शुमार हैं. जो 80 मीटर से ज्यादा भाला फेंक सकते हैं. साल 2016 में नीरज ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के थ्रो के साथ नया रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. साउथ एशियन गेम्स में नीरज ने 82.23 मीटर का रिकॉर्ड बना चुके हैं.
राष्ट्रमंडल खेलों की ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत का यह अब तक का 5वां गोल्ड मेडल है. इससे पहले फर्राटा धावक मिल्खा सिंह (1958 ), चक्का फेंक खिलाड़ी कृष्णा पूनिया (2010), महिला चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम (2010) और गोला फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा (2014) यह कारनामा कर चुके हैं.
एथलेटिक्स में अन्य स्पर्धाओं में हालांकि भारत को आज निराशा हाथ लगी. पिछले खेलों के कांस्य पदक विजेता अरपिंदर सिंह पुरुष त्रिकूद में चौथे स्थान पर रहे. अरपिंदर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 16 .46 मीटर रहा. कैमरून के मार्सेल मयाक ने 16.80 मीटर के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ भारतीय खिलाड़ी को पदक की दौड़ से बाहर किया.
पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले में भारतीय टीम को स्पर्धा के बीच से हटना पड़ा क्योंकि अमोज जैकब की पैर की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था. भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों ने इस तरह अपने अभियान का अंत एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ किया. ग्लास्गो में हुए पिछले खेलों में भी भारत ने इतने ही पदक (एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य) जीते थे.