कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम भी अपना दमखम दिखाने जा रही है. भारतीय टीम की कोशिश पहली बार इन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने की होगी. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का बेस्ट प्रदर्शन 2010 (दिल्ली) और 2014 (ग्लास्गो) में रहा जब उसने रजत पदक अपने नाम किया था. वहीं 1998 और 2018 के खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा था.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय हॉकी टीम की अगुवाई मनप्रीत सिंह करने जा रहे हैं. मनप्रीत सिंह की ही कप्तानी में भारत ने पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था. उस पदक के साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में 41 साल के सूखे को खत्म किया था. ऐसे में कॉमनवेल्थ में भी भारतीय टीम स्वर्णिम प्रदर्शन करना चाहेगी.
मनप्रीत सिंह को 2017 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था, जिसके बाद से टीम ने नई बुलंदियों को छुआ है. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम एशिया कप और एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में गोल्ड, चैंपियंस ट्रॉफी में सिल्वर और 2018 एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीत चुकी है. साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ(FIH) ने मनप्रीत को 'प्लेयर ऑफ द ईयर' घोषित किया था.
हाफ बैक पॉजिशन पर खेलने वाले मनप्रीत सिंह ने दस साल की उम्र में हॉकी स्टिक थामा था. उन्हें हॉकी खेलने की प्रेरणा पूर्व कप्तान परगट सिंह से मिली, जो मनप्रीत के पैतृक गांव मीठापुर के रहने वाले हैं. साल 2011 में मनप्रीत को भारतीय जूनियर टीम के लिए पदार्पण का मौका मिला. इसके बाद साल 2013 में उन्हें जूनियर हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया. उस साल मनप्रीत की कप्तानी में भारतीय जूनियर टीम ने पहली बार सुलतान जोहोर कप का खिताब अपने नाम किया था.
साल 2014 में एशियन हॉकी फेडरेशन ने मनप्रीत सिंह को जूनियर प्लेयर ऑफ द ईयर के अवार्ड से नवाजा. उसी साल भारतीय सीनियर टीम ने पाकिस्तान को मात देकर एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स (2016) और चैंपियंस ट्रॉफी (2016) में भारतीय टीम रजत पदक जीतने में सफल रही थी. टीम की इन सफलताओं में मनप्रीत सिंह ने अहम रोल अदा किया था.
फिर साल 2019 में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक क्वालिफायर में रूस को कुल 11-3 के अंतर से मात देकर टोक्यो ओलंपिक 2020 का टिकट हासिल किया. इस दौरान भारत ने भारत ने रूसी टीम को पहले चरण में 4-2 और दूसरे चरण के मैच में 7-1 से शिकस्त दी थी.
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर 49 साल बाद सेमीफाइनल में प्रवेश किया था. हालांकि सेमीफाइनल में मनप्रीत ब्रिगेड को बेल्जियम के हाथों हार झेलनी पड़ी. इसके बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर पदक का सूखा खत्म किया था. उस मुकाबले में भारतीय टीम की जीत के हीरो पीआर श्रीजेश रहे जिन्होंने कुछ शानदार बचाव किए थे.
कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत की 18 सदस्यीय टीम: पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक (गोलकीपर), वरुण कुमार, सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, जुगराज सिंह और जरमनप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह (कप्तान), हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, शमशेर सिंह, आकाशदीप सिंह और नीलकांत शर्मा, मनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, गुरजंत सिंह, अभिषेक.
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