कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की शुरुआत से पहले ही भारतीय दल में विवाद हो गया है. ओलंपिक मेडलिस्ट बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने आरोप लगाया कि उनके कोच को काफी देरी से दल में शामिल किया गया है. लवलीना बोरगोहेन का कहना है कि इन सब चीजों से उन्हें मानसिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा है. वह इस पॉलिटिक्स को तोड़कर मेडल जीतना चाहती हैं.
लवलीना ने ट्विटर पर लिखा, 'आज मैं बहुत दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत harassment हो रहा है. हर बार मैं, मेरे कोच जिन्होंने मुझे ओलंपिक में मेडल लाने में मदद की उन्हें बार-बार हटाकर मेर ट्रेनिंग प्रोसेस और प्रतियोगिता में हमेशा परेशानी खड़ी करते हैं. इनमें से एक कोच संध्या गुरुंग जी द्रोणाचार्य अवॉर्डी भी हैं. मेरे दोनों कोच को कैम्प में भी ट्रेनिंग के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद बहुत लेट से शामिल किया जाता है. मुझे इससे ट्रेनिंग मैं बहुत परेशानियां उठानी पड़ती हैं और मेंटल harassment तो होती ही हैं.'
लवलीना ने कहा, 'अभी मेरे कोच संध्या गुरुंग जी कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं और उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है और मेरा ट्रेनिंग प्रोसेस गेम्स के आठ दिन पहले रुक गया है. मेरे दूसरे कोच को भी इंडिया वापस भेज दिया गया है. मेरे इतने आग्रह के बाद भी यह सबकुछ हुआ है जिससे मुझे काफी मेंटल harassment हुआ. मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं गेम में कैसे फोकस करूं.'
लवलीना ने बाताया, 'इसके चलते मेरा लास्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप भी खराब हुई और इस पॉलिटिक्स के चलते मैं अपना कॉमनवेल्थ गेम्स खराब नहीं करना चाहती हूं. आशा करती हूं कि मैं मेरे देश के लिए पॉलिटिक्स को तोड़ कर मेडल ला सकूं. जय हिंद.'
प्रियंका गांधी लवलीना के सपोर्ट में उतरीं
उधर कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी ने भी लवलीना के सपोर्ट में ट्वीट किया है. प्रियंका ने लिखा, 'लवलीना हमारे राष्ट्र के लिए एक संपत्ति है, उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित और समर्थन किया जाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि सरकार उनकी शिकायत पर गौर करेगी और उन्हें हो परेशानी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.'
भारतीय दल में शामिल संध्या गुरुंग
हालांकि पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले संध्या गुरुंग और खेल मनोचिकित्सक गायत्री वर्तक को भारतीय दल में शामिल कर लिया गया है. द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता संध्या राष्ट्रीय शिविर में सहायक कोच हैं और वह टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन का मार्गदर्शन कर रही हैं. गायत्री मानसिक अनुकूलन कोच हैं, जिन्होंने मई में भारतीय टेबल टेनिस टीम के साथ राष्ट्रीय शिविर में काम किया था.
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के एक सूत्र ने कहा, संध्या गुरुंग और गायत्री वर्तक को भारतीय दल में शामिल किया गया है. टोक्यो ओलंपिक से पहले लवलीना को मुश्किल मानसिक स्थिति से बाहर निकालने का श्रेय संध्या को जाता है. वह मुक्केबाजी दल के साथ आयरलैंड गई थीं, जहां मुक्केबाजों ने 15 दिवसीय शिविर में हिस्सा लिया था.
संध्या को भारतीय दल में आखिरी क्षणों शामिल किया गया था, जिसके कारण उनका एक्रीडेशन नहीं पहुंच सका और बर्मिंघम पहुंचने पर उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया गया. वह इसके बाद उस होटल में रुकीं जहां अतिरिक्त अधिकारी ठहरे हुए हैं. गायत्री को अभी भी अपने वीजा का इंतजार हैं.
सूत्र ने बताया, 'संध्या पहले ही बर्मिंघम पहुंच चुकी है, लेकिन गायत्री अपने वीजा का इंतजार कर रही है जो कल (मंगलवार) आएगा. पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी गायत्री इन खेलों में मुख्य रूप से टेबल टेनिस खिलाड़ियों की मदद करेंगी. वह अतीत में लक्ष्य सेन और स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल की मदद कर चुकी हैं. इससे पहले टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने भारतीय दल में उन्हें शामिल नहीं करने पर निराशा जताई थीं.
बीएफआई ने दी सफाई
उधर भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) ने कहा कि एक्रीडिटेशन प्रक्रिया का प्रबंधन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा.
बीएफआई सचिव हेमंत कलिता ने पीटीआई से कहा, 'आईओए और बीएफआई लगातार संध्या का एक्रीडिटेशन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। यह आईओए के हाथ में है लेकिन आज या कल तक आ जाएगा. हमने पहले सभी नाम दिए थे लेकिन एक कोटा प्रणाली है. क्वालिफाई करने वाले एथलीटों की संख्या के आधार पर 25 प्रतिशत कोटा है. इसलिए हमारे पास चार अधिकारी थे जिनमें कोच, चिकित्सक आदि शामिल है. हमने आईओए से कोटा बढ़ाकर आठ करने की मांग की है.'