कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुष वेटलिफ्टिंग के 67 किलो भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता. जेरेमी लालरिनुंगा ने स्नैच में रिकॉर्ड 140 किलो का वजन उठाया, वहीं क्लीन एंड जर्क में वह 160 किलो भार उठाने में सफल रहे. यानी कि उन्होंने गेम्स रिकॉर्ड बनाते हुए कुल 300 किलो वजन उठाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया. मुकाबले के दौरान जेरेमी लालरिनुंगा क्लीन एंड जर्क राउंड में दो मौकों पर चोट खा बैठे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
19 साल के जेरेमी के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड जीतने तक का सफर आसान नहीं रहा है. मिजोरम के रहने वाले जेरेमी ने अपने पिता को देखकर पहले बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में उन्होंने वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुना. जेरेमी के पिता जाने-माने बॉक्सर रहे हैं, लेकिन बाद में उन्होंने आठ लोगों के परिवार का भरण-पोषण करने के लिए PWD विभाग में नौकरी करना स्वीकार किया.
पहले ही ठान लिया था गोल्ड जीतना
19 साल के जेरेमी लालरिनुंगा कुछ महीने पहले ही ठान लिया था कि वह कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर ही दम लेंगे. इस साल मई में जेरेमी लालरिनुंगा ने अपने फोन के वॉलपर पर लगाई गई राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक की तस्वीर पोस्ट की थी. अब जेरेमी लालरिनुंगा के पास सचमुच मे गोल्ड मेडल आ चुका है.
छह साल की उम्र में शुरू की बॉक्सिंग
जेरेमी कहते हैं, 'मैंने लगभग छह साल की उम्र में अपने पिता के साथ एक बॉक्सर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की. मेरे पिता लालमैथुआवा 90 के दशक की शुरुआत में आइजोल में बॉक्सिंग सर्किट में एक जाना-पहचाना चेहरा थे. अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जगह बनाई और कई पदक जीते. लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह स्थानीय बिजली निर्माण विभाग (PWD) में नौकरी करने के लिए मजबूर हुए. मेरे पिता हमेशा से बॉक्सिंग सिखाने को लेकर बहुत उत्साहित रहे हैं और इसलिए मैं बचपन से ही उनके साथ ट्रेनिंग कर रहा हूं.
जिम के लड़कों को देखकर मिली प्रेरणा
उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं बॉक्सिंग कर रहा था, तो मैं अपने घर के पास एक जिम में लड़कों को ट्रेनिंग करते देखता था. वह वजन उठाते थे जिसने मुझे उत्साहित किया. इससे मुझे वह प्रोत्साहन मिला जो मुझे वेटलिफ्टिंग में अपना हाथ आजमाने के लिए चाहिए था. मैंने जिम में उन लड़कों से संपर्क किया और उनसे पूछा कि क्या वे मुझे लिफ्ट करना सिखा सकते है. मैंने इसे करना शुरू कर दिया और पूर्णता के साथ वजन उठाना शुरू कर दिया.
बांस की मदद से करते थे प्रैक्टिस
जेरेमी ने बताया, 'मैंने अपने अपने गांव के SOS अकादमी में भारोत्तोलन करियर की शुरुआत की थी. वहां कोच मुझसे बांस (Bamboo) लाने को कहते था और धीरे-धीरे उठाने को कहता था। वे 5 मीटर लंबे और 20 मिमी चौड़े थे. उन पर कोई भार नहीं था, लेकिन वजन की तुलना में एक स्टिक उठाना वास्तव में कठिन था क्योंकि आपको यह जानना होगा कि इसे कैसे संतुलित किया जाए. मैंने दिन-रात अभ्यास किया, बांस की छड़ें उठाकर संतुलन बनाने की कला सीखी. बैलेंसिंग एक्ट सीखने के बाद मुझसे वेट लिफ्ट करने को कहा गया. इस तरह मैंने अपने भारोत्तोलन करियर की शुरुआत की.'
बनाया ये बड़ा रिकॉर्ड
जेरेमी ने 2018 के समर यूथ ओलंपिक में लड़कों के 62 किग्रा वर्ग भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक हासिल किया था. इसके साथ ही जेरेमी यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए थे. फिर जेरेमी ने एशियन वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. जेरेमी लालरिनुंगा ने पिछले साल आयोजित राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के पुरुषों की 67 किलो भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए क्वालिफाई किया था.