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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत की झोली में एक और ब्रॉन्ज़ मेडल आ गया है. वेटलिफ्टिंग में अमृतसर के लवप्रीत सिंह ने 109 किग्रा. कैटेगरी में यह कमाल किया. एक वक्त था जब लवप्रीत सिंह रैंकिंग में टॉप पर थे और ऐसा लग रहा था कि गोल्ड मेडल पक्का हो जाएगा, लेकिन अंत में कुछ ऐसा हुआ कि वह तीसरे नंबर पर खिसक गए.
लवप्रीत के सभी प्रयास थे सफल
109 किग्रा. कैटेगरी में खेल रहे लवप्रीत सिंह ने अपने सभी 6 प्रयास सफल किए. ऐसा काफी कम होता है, जब सभी के सभी राउंड सफल गए हों. उन्होंने स्नैच राउंड में 157 KG., 161 KG., 163 KG. वजन उठाया. जबकि क्लीन एंड जर्क राउंड में 185 KG., 189 KG., 192 KG. वजन उठाया. लवप्रीत सिंह के नाम कुल 355 किग्रा. वजन था. ऐसा करके उन्होंने अपना खुद का नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा था.
टॉप पर रहकर भी कैसे पिछड़े लवप्रीत?
जब लवप्रीत सिंह ने अपना राउंड पूरा किया, तब वह टॉप पर थे. लेकिन उसके बाद कैमरून के वेटलिफ्टर ने अपने राउंड में 160+201 किग्रा. वजन उठाया. वह सीधा टॉप पर पहुंचे, उनके अलावा सैमुआ के वेटलिफ्टर ने भी 164+194 किग्रा. का वजन उठाया.
इस मैच में गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी ने 361 किग्रा., सिल्वर जीतने वाले खिलाड़ी ने 358 किग्रा. और ब्रॉन्ज जीतने वाले लवप्रीत सिंह ने 355 किग्रा. वजन उठाया. यानी लवप्रीत सिंह 6 किग्रा. से चूक गए.
क्लिक करें: लवप्रीत सिंह ने वेटलिफ्टिंग में जीता ब्रॉन्ज मेडल, उठाया रिकॉर्डतोड़ 355 KG. वजन
क्या रणनीति में विफल रहे लवप्रीत सिंह?
लवप्रीत सिंह ने बाकी वेटलिफ्टर के मुकाबले अपने वजन में कम ही बदलाव किया. क्योंकि यह देखा जा रहा था कि अन्य प्लेयर्स ने मेडल के हिसाब से अपने लक्ष्य में बार-बार बदलाव किया. इसमें सैमुआ के प्लेयर ने क्लीन एंड जर्क राउंड के दूसरे अटेम्प्ट में वजन को 200 किग्रा. तक बढ़ाया, लेकिन वह सफल नहीं हुए और इसके बाद अंतिम प्रयास में वजन को 201 किग्रा. तक बढ़ाया.
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के प्लेयर ने क्लीन एंड जर्क के दूसरे प्रयास में वजन को 192 किग्रा. से बढ़ाकर सीधा 202 किग्रा. किया, जिसमें वो सफल रहे. और आखिरी प्रयास में अपने टारगेट को 211 किग्रा. तक किया, जिसमें वह विफल रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वह काफी पीछे थे तब वह ब्रॉन्ज़ मेडल के हिसाब से अपने टारगेट को बढ़ा रहे थे.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लवप्रीत सिंह की रणनीति में चूक हुई, क्योंकि जिस तरह से उन्होंने यहां गेम दिखाया और लगातार हर प्रयास सफल किया. ऐसे में इस लय में होने के बाद वह अपने वजन में कुछ बदलाव कर सकते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यही कारण रहा कि लगातार 6 सफल प्रयासों के बाद भी वह ब्रॉन्ज़ मेडल तक पहुंच पाए.