सिडनी में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों ने आसानी से घुटने टेक दिए, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 244 रनों पर ढेर कर पहली पारी में 94 रन की मजबूत बढ़त हासिल कर ली.
यह प्रदर्शन ऐसा नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए कोई चुनौती पेश कर सके. पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने दिखाया कि उनकी पेस और बाउंस के सामने भारत की मशहूर बल्लेबाजी लाइन अप में भी काफी सुधार की जरूरत है.
टीम इंडिया की बैटिंग में अनुभवहीनता दिखी और तीन बल्लेबाजों न रन आउट होकर अपने विकेट तोहफे में दे दिए. सिडनी में बल्लेबाजी के लिए बेहतर पिच पर चेतेश्वर पुजारा की डिफेंसिव बल्लेबाजी पर सवाल उठ रहे हैं. आपको बता दें कि चेतेश्वर पुजारा ने सिडनी टेस्ट की पहली पारी में 176 गेंदों पर 50 रन बनाए. विरोधी टीम पर हावी होने के लिए डिफेंसिव होने की बजाय रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन पुजारा की बल्लेबाज में कोई दम नजर नहीं आया. टॉप ऑर्डर भारत की ताकत रहा है, जो टेस्ट मैचों में लगातार फ्लॉप हो रहा है.
सिडनी में पुजारा अपने टेस्ट करियर का सबसे धीमा अर्धशतक बनाकर पैट कमिंस का शिकार बने. इस दौरे पर पुजारा को ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने पांच पारियो में चार बार आउट किया है. पुजारा ने कमिंस के सामने सिर्फ 19 रन बनाए हैं.
सिडनी में पुजारा ने 174 गेंदों पर अर्धशतक लगाया, जो सबसे धीमा रहा. इससे पहले, पुजारा ने 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में 173 गेंदों पर अर्धशतक बनाया था.
ऐसे में अब नंबर तीन पर पुजारा की जगह को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. 32 साल के चेतेश्वर पुजारा के खराब फॉर्म का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पिछली 17 पारियों में एक भी शतक नहीं लगाया है. चेतेश्वर पुजारा ने आखिरी बार शतक दो साल पहले 2018 में पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही लगाया था.
पुजारा ने तब सिडनी में ही 193 रनों की पारी खेली थी. इस पारी के बाद से उनका एक भी शतक नहीं आया है, जो टीम इंडिया के लिए चिंता की बात है. इस साल ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी में दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी. इस सीरीज में पुजारा ने चार पारियों में सिर्फ 100 रन बनाए और भारत ये सीरीज 2-0 से हार गया.