दक्षिण अफ्रीका में ओलंपिक से जुड़ी संस्था ने क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) बोर्ड को निलंबित किया है. दक्षिण अफ्रीकी स्पोर्ट्स एंड ओलंपिक कमेटी के इस कदम से क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की छवि खराब हुई है और टीम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में बैन होने का खतरा मंडरा रहा है.
ICC की शर्तों के मुताबिक किसी भी क्रिकेट खेलने वाले देश में कामकाज देखने वाली संस्था स्वतंत्र होनी चाहिए. सरकार की किसी डायरेक्ट बॉडी का क्रिकेट बोर्ड पर सीधे तौर पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए. बता दें कि 21 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट से कटे रहने के बाद 1991 दक्षिण अफ्रीका ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. रंगभेद नीति के कारण दुनिया ने इस देश से दूरी बना ली थी.
दक्षिण अफ्रीका सरकार ने कुछ ऐसे नियम बनाए थे, जिसने आईसीसी को असमंजस में डाल दिया था. सरकार के नियमों के मुताबिक उनकी देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की अनुमति थी. यह भी शर्त यह थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.
आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीका को निलंबित कर दिया, जिससे अफ्रीकी खिलाड़ियों का भविष्य पर खतरे में पड़ गया. वहां के कई क्रिकेटर्स का करियर इस इंतजार में खत्म हो गया कि दक्षिण अफ्रीकी टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कब वापसी होगी. आखिरकार 21 साल बाद वह दिन आया, जब दक्षिण अफ्रीका में बदलाव आया और वहां रंगभेद की नीति को खत्म किया गया.