यश ढुल की कप्तानी में भारतीय टीम ने अंडर-19 विश्व कप 2022 का खिताब अपने नाम किया. इससे पहले दिल्ली के ही दो खिलाड़ी विराट कोहली और उन्मुक्त चंद भी अंडर-19 विश्व कप में टीम इंडिया को जीत दिला चुके हैं. ऐसे में यश ढुल का इन दोनों खिलाड़ियों के नक्शे कदम पर चलते हुए भारत के लिए ट्रॉफी जीतना काफी खास है.
वैसे, यश ढुल के लिए अंडर-19 चैम्पियन बनने तक का सफर आसान नहीं रहा है. यश के पिता एक कॉस्मेटिक ब्रांड के साथ एक एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे, लेकिन अपने बच्चे के करियर को संवारने के लिए उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. विजय ढुल ने एक इंटरव्यू में बताया कि यश को अच्छे बैट दिलाने के लिए उन्होंने घर के बजट में कटौती कर डाली थी.
नई दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले यश ढुल दिल्ली की अंडर-16 एवं अंडर-19 टीम का भी नेतृत्व कर चुके हैं. दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज ने 11 साल की उम्र में बाल भवन स्कूल की अकादमी में दाखिला लिया. यहीं से यश ढुल ने अपने खेल को विकसित किया.
यश के पिता विजय ढुल ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मुझे यह सुनिश्चित करना था कि उसे कम उम्र से ही खेलने के लिए सबसे अच्छी किट और गियर मिले. मैंने उसे बेहतरीन इंग्लिश विलो बैट दिए. उसके पास सिर्फ एक बल्ला नहीं था, मैं उन्हें अपग्रेड करता रहा. हमने अपने खर्चे में कटौती की थी. मेरे पिता एक आर्मी मैन थे, उन्हें जो पेंशन मिलती थी उसका इस्तेमाल घर चलाने में होता था.'
विजय ढुल बताते हैं कि यश की मां ने उनके क्रिकेट का टैलेंट सबसे पहले पहचाना था. उन्होंने एक किस्से को याद करते हुए बताया कि 4 साल की उम्र में यश की मां ने पहली बार यश की गेंद की समझ और क्रिकेट की रुचि पर ध्यान दिया था. इसके बाद खुद यश के पिता अपने बेटे को घर की छत पर प्रैक्टिस करवाते थे.
यश ढुल की कहानी विराट कोहली से भी काफी मिलती जुलती है. कोहली पहले भारतीय कप्तान थे, जिन्होंने अंडर-19 विश्वकप में शतक लगाया था. तब कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 74 गेंदों में 100 रनों की पारी खेली थी. इसके बाद उनमुक्त चंद ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 111 रन बनाए थे. अब इस वर्ल्ड कप में यश धुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइन में 110 रन बना दिए.
विराट कोहली ने साल 2008 अंडर-19 विश्वकप में चौथे नंबर पर खेलते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक बनाया था. अब यश धुल भी इसी नंबर पर बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक बनाया. खास बात यह है कि विराट कोहली की तरह यश ढुल भी बड़े छक्के लगाने की बजाय टाइमिंग और प्लेसमेंट पर भरोसा करते हैं.
विराट कोहली की करियर के शुरुआती दौर में ही उनके पिता का निधन हो गया था. उस समय विराट दिल्ली के लिए रणजी मैच खेल रहे थे. विराट ने उस मुकाबले में बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को मैच ड्रॉ कराने में सफलता पाई थी. वहीं यश धुल ने भी 2017 में अपने दादा जगत सिंह को खो दिया था, लेकिन अगले दिन ही वो मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे.