इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में इस साल जसप्रीत बुमराह ने जैसा प्रदर्शन किया है वो भारतीय टीम के लिए लिहाज से फायदे की बात है, लेकिन उनकी असल परीक्षा अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में होने वाली वनडे सीरीज में होगी. बुमराह IPL-13 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे थे.
कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन से पहले भी बुमराह टी-20 में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन वनडे में उनकी फॉर्म चिंताजनक है. कम शब्दों में कहा जाए तो बुमराह इस साल वनडे में उस तरह के विकेट टेकर के तौर पर नजर नहीं आए जो वह चोट से पहले थे.
दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज को पिछले साल पीठ में चोट थी, जिस कारण वह 2019 में अगस्त में हुए वेस्टइंडीज दौरे के बाद से एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले थे. इस साल जनवरी-फरवरी में जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी की थी तो टी-20 और वनडे में उनका फॉर्म काफी अलग था.
बुमराह ने आठ टी-20 मैचों में आठ विकेट लिए थे और इस दौरान उनका इकॉनोमी रेट 6.38 रहा था जो उनके करियर इकॉनोमी रेट से बेहतर था, लेकिन वह वनडे में विकेट लेने में संघर्ष करते हुए दिखे थे. छह वनडे में उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला था और प्रति ओवर 5.1 की दर से रन दिए थे जो वनडे में उनके करियर इकॉनोमी रेट 4.55 से थोड़ा ज्यादा है.