क्रिकेट इतिहास का पहला वर्ल्ड कप 1975 में खेला गया था. क्रिकेट का ये महाकुंभ हर चार साल में एक बार होता है. हर साल तमाम नए रिकॉर्ड्स बनते और टूटते हैं. हम आपको वर्ल्ड कप की कुछ ऐसी रोचक बातें बताएंगे जो शायद ही आप जानते हों.
वर्ल्ड कप में टीम इंडिया हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करती आई है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो बार ऐसे मौके आए जब टीम इंडिया को महज एक रन से मैच गंवाना पड़ा. 1987 और 1992 वर्ल्ड कप में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से 1 रन से मैच गंवाया.
क्रिस गेल और मार्लोन सैमुअल्स ने 2015 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे विकेट के लिए 372 रनों की साझेदारी की. इन दोनों ने राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली के 318 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ा.
1983 में मोहिंदर अमरनाथ ने पहली बार सेमीफाइनल और फाइनल दोनों में मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड जीता. इसके बाद 1996 में अरविंद डीसिल्वा और फिर 1999 में शेन वार्न ने यही कारनामा कर दिखाया.
28.8 करोड़ भारतीयों ने 15 फरवरी 2015 को हुए भारत पाकिस्तान मैच को टेलीविजन पर देखा. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
क्रिस गेल दुनिया के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टी-20 में सेंचरी, वनडे में डबल सेंचुरी और टेस्ट में ट्रिपल सेंचुरी जड़ी है.
2011 और 2015 वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान के बीच मैचों में अनोखा कनेक्शन रहा. 2011 में पांच भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान के 10 विकेट चटकाए और 2015 में भी ऐसा ही हुआ. इसके अलावा दोनों बार पाकिस्तान की ओर से मिसबाह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ी रहे.
स्कॉटलैंड के 4 खिलाड़ी पहली बार पर 0 पर आउट हुए. वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ.
2003 वर्ल्ड कप में शोएब अख्तर ने 161.3 किमी/घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. यह अभी तक वर्ल्ड कप में फेंकी गई सबसे तेज गेंद थी.
वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मैचों में अंपायरिंग करने का रिकॉर्ड डेविड शेफर्ड के नाम पर दर्ज है.
1999 वर्ल्ड कप राहुल द्रविड़ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे. इस दौरान उनके बल्ले से 2 सेंचुरी और 3 हाफसेंचुरी निकली लेकिन हैरत की बात ये है कि वो एक बार भी मैन ऑफ द मैच नहीं बने.
2007 वर्ल्ड कप में श्रीलंकाई तेज गेंदबाज मलिंगा ने 4 गेंद पर 4 विकेट लिए थे. ऐसा करने वाले वो दुनिया के एकमात्र गेंदबाज हैं.
1975 वर्ल्ड कप में सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ 174 गेंद पर 36 रन बनाए थे. इस मैच में इंग्लैंड ने 335 रनों का लक्ष्य दिया था और भारत ने 60 ओवर में तीन विकेट पर महज 132 रन बनाए थे.
दक्षिण अफ्रीका एकमात्र ऐसी टीम है जिसने लगातार दो वनडे मैचों में 400 रनों का आंकड़ा छुआ.