कपिल देव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने 37 साल पहले आज ही के दिन इतिहास रचते हुए दो बार की वर्ल्ड कप विजेता टीम वेस्टइंडीज को मात दे दी. भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. यह जीत इस तरह थी कि खिलाड़ी खुद पर विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे.
कीर्ति आजाद ने याद किया कि 183 रनों का छोटा स्कोर बनाने के बाद ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों का मूड़ कैसा था. कीर्ति आजाद ने कहा, 'हम सभी जानते थे कि विंडीज की टीम को देखते हुए वो स्कोर काफी नहीं है, लेकिन कपिल देव ने कहा कि चलो लड़ते हैं. यह लड़ने लायक टोटल है. हमने रन बनाए हैं और उन्हें बनाने हैं. इसलिए लड़ते हैं.'
कीर्ति आजाद ने कहा, 'कपिल ने विवियन रिचर्ड्स का जो कैच पकड़ा था, उसने मैच को बदल दिया था. वहां से विकेट गिरते रहे और हम बल्लेबाजों पर दबाव बनाते रहे. हमें पता था कि अगर हम विंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाएंगे तो वह दब जाएंगे.'
1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद ने कहा, 'मैं उस समय को कैसे बताऊं. आप उस भावना को कैसे बयान कर सकते हो कि आप वर्ल्ड कप विजेता बन गए हो, वो भी लॉर्ड्स में हजारों दर्शकों के सामने. हम ड्रेसिंग रूम से दर्शकों की तरफ सिर्फ हाथ हिला रहे थे.'