पाकिस्तान क्रिकेट के लिए 3 मार्च किसी काले दिन से कम नहीं है. इसी दिन 13 साल पहले पाकिस्तान की धरती पर श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आंतकी हमला हुआ था. इसके बाद दुनियाभर की सभी टीमों ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था. हालांकि अब सब कुछ पटरी पर लौट रहा है.
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम 24 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर पहुंच गई है. दोनों टीम के बीच 3 टेस्ट, तीन वनडे और एक टी20 की सीरीज खेली जाएगी. टेस्ट सीरीज का नाम बेनो-कादिर ट्रॉफी होगी, जिसका पहला मैच रावलपिंडी में 4 मार्च से शुरू होगा.
पिछले साल न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर आकर बगैर कोई मैच खेले, वापस लौट गई थी. तब न्यूजीलैंड ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था. इसके बाद इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने अपना पाकिस्तान दौरा ही रद्द कर दिया था.
दरअसल, श्रीलंकाई टीम 2009 की शुरुआत में पाकिस्तान के दौरे पर थी. दोनों टीमों को दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी थी. सीरीज का पहला मैच 21 से 25 फरवरी तक कराची में खेला गया, जो ड्रॉ रहा. दूसरा मैच लाहौर में 1 मार्च से 5 मार्च तक खेला जाना था, लेकिन इसी दौरान श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमला हो गया.
लाहौर में दूसरे टेस्ट में तीसरे दिन के खेल के लिए श्रीलंकाई टीम होटल से गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी, तभी दर्जनभर नकाबपोश आतंकियों ने बस पर हमला कर दिया था. हमले में श्रीलंकाई टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, अजंथा मेंडिस, थिलन समरवीरा, थरंगा पारनविताना और चामिंडा वास घायल हो गए थे.
हमले में पाकिस्तान पुलिस के 6 जवान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस दौरान बस को मेहर मोहम्मद खलील नाम का ड्राइवर चला रहा था. खलील की सूझबूझ ने पूरी टीम को मौत के मुंह से निकाल दिया था. वह भारी गोलीबारी के बीच लगातार चलाकर स्टेडियम तक पहुंच गया. हमले के बाद श्रीलंका की टीम दौरा बीच में छोड़कर घर लौट आई थी.
आखिरकार खलील ने 20 मिनट के अंदर बस को गद्दाफी स्टेडियम में लगा दिया. इस तरह खलील की बहादुरी से खिलाड़ियों की जान बच पाई. हमले के बाद श्रीलंकाई को स्टेडियम से एयरलिफ्ट कर एयरपोर्ट पहुंचाया गया था. खलील को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सम्मानित भी किया था.