आर. अश्विन मौजूदा ही नहीं, बल्कि टीम इंडिया के भविष्य के दमदार चेहरे के रूप में भी देखे जा रहे हैं. सवाल यह है कि क्या समरवीरा फाइनल में अश्विन की पैनी गेंदबाजी का सामना कर पाएंगे या उनके आगे हथियार डाल देंगे.
संगकारा और धोनी दोनो ही वर्ल्डकप में 8-8 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं दोनों ने ही 6-6 मैचों में जीत हासिल की है. फाइनल का मुकाबला इन दोनों कप्तानी
में एक सुनहरा तमगा जोड़ सकती है.
फाइनल में गौतम गंभीर की धीर-गंभीर पारी और गगनचुंबी छक्कों का इंतजार सबको है. दूसरी ओर अपनी चकराती गेंदों से कहर ढाने वाले अजंता मेंडिस की बॉलिंग भी देखने लायक होगी. देखना है कि कौन-किसपर भारी पड़ता है.
यूं तो हरभजन की चकराती गेंदों के आगे दुनिया के नामी-गिरामी बल्लेबाज भी पनाह मांगते नजर आते हैं. देखना यह है कि फाइनल मैच को रोमांचक बनाने में हरभजन की बॉल ज्यादा कारगर साबित होती है या महेला जयवर्द्धन का बल्ला.
सेमीफाइनल में भले ही विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा, पर भारतीय दर्शकों को उम्मीद है कि फाइनल में उनका बल्ला गर्जन-तर्जन करते हुए खूब रन बरसाएगा. देखना है कि मलिंगा की धारदार गेंदों पर कोहली कितना रहम कर पाते हैं.
जब यूसुफ पठान का बल्ला गेंदों को बाउंड्री लाइन के पार भेजता है, तो दर्शक अपने देश की सीमा भूलकर बस तालियां ही पीटते रह जाते हैं. मौजूदा वर्ल्डकप में भले ही उन्होंने दर्शकों को ज्यादा खुश नहीं किया, पर देशवासियों को अब इंतजार है कि वे मलिंगा की कसी हुई गेंदबाजी की बखिया उधेड़ें.
मुनाफ पटेल ने अब तक कसी हुई गेंदबाजी से हर किसी का दिल जीता है. देखना है कि जब फाइनल में उनका सामना तिलकरत्ने दिलशान जैसे दिग्गज से होगा, तो कौन किसपर बीस साबित होगा.
मुरलीधरन को वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज बनने के लिए केवल तीन बल्लेबाजों को पवेलियन पहुंचाना है. क्या सुरेश रैना उन्हें ऐसा करने
से रोकने में सक्षम हो सकेंगे. रैना को धोनी ने यूसुफ पठान की जगह क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौका दिया था. तब रैना ने 28 गेंदों में
नाबाद 34 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी. इसके बाद सेमीफाइनल में भी रैना ने अहम नाबाद 36 रन बनाये.
आशीष नेहरा फाइनल मैच खेलेंगे या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, पर क्रिकेटप्रेमियों का उनपर भरोसा बरकरार है. दूसरी ओर विपक्षी खेमे में समरवीरा अपनी टीम की नैया पार लगाने की भरपूर कोशिश करेंगे. तभी तो यह जंग देखने लायक बन सकेगी...
2260 रनों के साथ सचिन तेंदुलकर के नाम वर्ल्डकप में सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड दर्ज है. एक शतक सचिन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100वां शतक जड़ने
वाला पहला क्रिकेटर बना देगा. पर क्या मुरलीधरन जो इस वर्ल्डकप के बाद संन्यास ले रहे हैं वो उन्हें ऐसा करने देंगे.
क्रिकेटप्रेमियों को अब इंतजार इस बात का है कि वीरेंद्र सहवाग मलिंगा की गेंदों के साथ वैसा ही 'सलूक' करें, जैसा कि उन्होंने सेमीफाइनल मैच के दौरान किया था. क्रिकेटप्रेमियों को उम्मीद है कि जब वीरू मलिंगा की गेंदों को आसमान का रास्ता दिखाएंगे, तो फिजिक्स के दिग्गजों के सामने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों को नए सिरे से गढ़ने की नौबत भी आ सकती है.
मौजूदा वर्ल्डकप में युवराज सिंह ने कई बार अपने हरफनमौला प्रदर्शन से टीम इंडिया को जीत की राह दिखाई. बल्ले से धमाल करने वाले युवराज अब गेंद से भी कहर बरपाने लगे हैं. देखना है कि फाइनल में मलिंगा का जादू चलता है या युवराज की धमक.
जहीर खान को वर्ल्डकप 2011 में सर्वाधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज बनने के लिए केवल 3 विकेट लेने की जरूरत है. सेमीफाइनल तक टूर्नामेंट में सर्वाधिक
विकेट अफरीदी (7 मैच में 21 विकेट) ने लिया है. क्या संगकारा की टीम के खिलाफ जहीर 3 या उससे ज्यादा विकेट लेकर भारत को जीत दिला सकेंगे?
श्रीलंका के ओपनर उपुल थरांगा ने इस वर्ल्डकप में 2 शतक और एक अर्धशतक लगाया है और श्रीलंकाई टीम के भरोसेमंद ओपनर बने हुए हैं. दूसरी ओर जहीर लगभग सभी मैचों में भारत को शुरुआती विकेट दिलाते रहे हैं. क्या श्रीलंका के खिलाफ भी जहीर यह कारनामा करने में कामयाब रहेंगे?