भारत और इंग्लैंड के बीच हुए एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया की करारी हार हुई है. इसी के साथ टीम इंडिया का पांच टेस्ट मैच की इस सीरीज़ को जीतने का सपना भी टूट गया है. इंग्लैंड ने यहां ज़बरदस्त जीत हासिल करके सीरीज़ को 2-2 से बराबर कर दिया है.
पिछले साल खेले गए चार मैच और इस आखिरी मैच में टीम इंडिया में कई बदलाव हुए हैं. कप्तान और कोच दोनों ही बदल गए. इस बार टीम ने कोच राहुल द्रविड़ की अगुवाई में और कप्तान जसप्रीत बुमराह की लीडरशिप में एजबेस्टन टेस्ट मैच खेला और हार मिली.
अगर राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद के रिकॉर्ड को देखें तो टीम इंडिया के सामने ऐसे कई मौके आए हैं, जहां गेम पूरी तरह से उल्टा साबित हुआ है. चाहे वह साउथ अफ्रीका का दौरा हो या फिर घर में खेली गई न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज़ और अब एजबेस्टन टेस्ट में भी ऐसा ही हुआ है.
इस साल के शुरुआत में हुई साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज़ में टीम इंडिया ने पहला मैच जीतकर बढ़त बना ली थी. लेकिन उसके बाद भारत ने लगातार दो मैच गंवा दिए, यहां एक मैच में केएल राहुल ने भी टीम की कप्तानी की थी. सीरीज़ में बढ़त बनाने के बाद भी भारत ने 1-2 से सीरीज को गंवा दिया.
इसके बाद इसी साल न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई घरेलू सीरीज़ का पहला मैच जब ड्रॉ हुआ तब काफी सवाल खड़े हुए थे. टीम इंडिया यहां आखिरी एक विकेट नहीं ले पाई थी, कानपुर में हुए मैच में भारत को फिर ड्रॉ से संतुष्ट होना पड़ा था.
अब इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में भी ऐसा ही हुआ है. शुरुआती तीन दिन में भारतीय टीम बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन आखिरी दो दिन में मैच पूरी तरह से पलट गया. और इंग्लैंड ने एक रिकॉर्ड चेज़ करके मैच जीता और सीरीज़ हार को टाल दिया.
ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या राहुल द्रविड़ की बतौर कोच रणनीति काम नहीं कर रही है. क्योंकि रवि शास्त्री की अगुवाई में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन किया. लगातार वर्ल्ड क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाए रखा. लेकिन राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद टीम की रणनीति में बदलाव होता हुआ दिख रहा है.