भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनना शानदार था.
शास्त्री उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, जिसने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी, लेकिन शास्त्री इस बार बतौर कोच टीम के साथ थे. शास्त्री 1985 की उस टीम का अहम हिस्सा थे जिसने सुनील गावस्कर की अगुवाई में क्रिकेट वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीती थी.
शास्त्री ने सोनी टेन पिटस्टॉप कार्यक्रम के दौरान कहा, 'उन दो टीमों का हिस्सा होना बहुत ही शानदार रहा है. एक कोच के रूप में, जो कि ऑस्ट्रेलिया में सीरीज बेहतरीन रही. यह बहुत ही खास थी और उन्हें हराना बहुत ही मुश्किल था, क्योंकि उस टीम को किसी भी एशियाई टीमों ने पिछले 71 साल में नहीं हराया था.'
उन्होंने कहा, 'बहुत सारी टीमें वहां जा चुकी है और उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश की है, लेकिन सभी जानते हैं कि टेस्ट मैच क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया को हराना कितना मुश्किल है, लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में आप एक खिलाड़ी के रूप में 1985 की टीम को नहीं हरा सकते. दोनों टीमों के साथ जीत बेहद शानदार है.'
शास्त्री ने हालांकि कहा कि 1985 की टीम 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम और मौजूदा टीम से बेहतर थी. उन्होंने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं. वे (1985 की टीम) सीमित ओवरों की किसी भी भारतीय टीम को कड़ी चुनौती पेश करेगी. वह 1985 की टीम वर्तमान टीम को भी परेशानी में डाल देगी. मेरा मानना है कि 1983 की तुलना में 1985 की टीम अधिक मजबूत थी. आप जानते हैं कि मैं दोनों टीमों का हिस्सा था.'
उन्होंने कहा, 'मैं 1983 विश्व कप में खेला था और 1985 में अगर आप प्रत्येक खिलाड़ी पर गौर करो तो उसमें 1983 के 80 प्रतिशत खिलाड़ी शामिल थे.' शास्त्री ने कहा, लेकिन, इस बीच टीम में शिवरामाकृष्णन, सदानंद विश्वनाथ, अजहरुद्दीन जैसे युवा खिलाड़ी आ गए थे. हमारे पास पहले से अनुभवी खिलाड़ी थे और इनके जुड़ने से टीम काफी शानदार बन गई थी.'
1985 में पहली बार खेली गई क्रिकेट की विश्व चैम्पियनशिप में सात टीमों- भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज ने हिस्सा लिया था. यह एक 'मिनी विश्व कप' था. 1985 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले भारतीय टीम तीन सीरीज गंवा चुकी थी और वेस्टइंडीज से 1983 का विश्व कप फाइनल जीतने के बावजूद विश्व चैम्पियनशिप में जीत की उसकी संभावना कम ही थी.