भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर तूफान आया है. ये तूफान लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके केंद्र में टीम इंडिया की कप्तानी है. पहले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप और फिर टी-20 वर्ल्डकप में हुई हार के बाद मचे हाहाकार के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने विराट कोहली पर सख्त फैसले लेने शुरू कर दिए. पहले विराट ने खुद टी-20 की कप्तानी छोड़ी, बाद में उन्हें बीसीसीआई ने वनडे की कप्तानी से हटा दिया. इसी के बाद ये सारा बवाल शुरू हुआ.
विराट कोहली की जगह टी-20 और वनडे में रोहित शर्मा ने ली, जो लंबे वक्त से लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा थे. टेस्ट में भी रोहित शर्मा को ही उप-कप्तान बना दिया गया. ऐसे में दोनों के बीच लंबे वक्त से चली आ रही तकरार फिर एक बार खुलकर सामने आ गई. भारत का साउथ अफ्रीका दौरा कप्तानी के अलग-अलग सिस्टम के बाद पहली सीरीज होने वाली थी, जिसमें टीम इंडिया को टेस्ट और वनडे सीरीज खेलनी है.
लेकिन चोट की वजह से रोहित शर्मा टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए. मुंबई में प्रैक्टिस करते वक्त उन्हें चोट लग गई, जिसके बाद तीन हफ्ते के आराम की सलाह दी गई. रोहित के टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद विराट कोहली के वनडे सीरीज से बाहर होने की खबर आई. माना जा रहा था कि विराट कोहली अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहते हैं, इसलिए वह ब्रेक चाहते हैं. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
खैर, विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच की अदावत लंबे वक्त से चल रही है. साल 2019 में दोनों के बीच की तकरार खुलकर सामने आई थी, जब ड्रेसिंग रूम से अलग-अलग तरह की खबरें सामने आने लगी थीं. दोनों ने एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर अनफॉलो किया था. अभी कुछ वक्त पहले ही ये रिपोर्ट थी कि विराट कोहली ने बीसीसीआई से कहा था कि रोहित शर्मा की जगह किसी और खिलाड़ी को उप-कप्तान बनाया जाए, क्योंकि उनकी उम्र ज्यादा हो गई है.
हालांकि, बीसीसीआई ने विराट कोहली की अपील को स्वीकार नहीं किया. इसके कुछ वक्त बाद ही टी-20 वर्ल्डकप आया, जब विराट कोहली ने टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी. विराट कोहली के कप्तानी से हटने के बाद रोहित शर्मा टी-20 फॉर्मेट के कप्तान बने और साउथ अफ्रीका दौरे से ठीक पहले बीसीसीआई ने उन्हें वनडे का भी कप्तान बना दिया. विराट कोहली को सिर्फ एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कप्तानी से हटा दिया गया था.
टीम इंडिया में कप्तानी को लेकर पहले भी कई विवाद होते रहे हैं, इनमें सबसे बड़ी जंग वर्ल्डकप विनर कप्तान कपिल देव और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बीच थी. सुनील गावस्कर काफी सीनियर थे और 1976 के बाद से वक्त-वक्त पर टीम इंडिया की कप्तानी भी कर रहे थे. लेकिन बीच में 1983 का वर्ल्डकप आया, जब कपिल देव को कप्तान बना दिया गया था. लेकिन वर्ल्डकप के कुछ वक्त बाद ही कपिल से कप्तानी वापस ली गई और फिर सुनील गावस्कर को कप्तान बना दिया गया.
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कप्तानी को लेकर चली इसी खींचतान के बीच दोनों खिलाड़ियों के बीच तनाव की खबरें सामने आती थीं दोनों की ओर से इसका खंडन किया गया, लेकिन इन्हें तूल मिलता ही रहा. असली बवाल तब हुआ था जब 1984 में कोलकाता टेस्ट मैच में सुनील गावस्कर कप्तान थे और कपिल देव को टीम से बाहर किया गया था. इंग्लैंड के खिलाफ हुआ ये मैच टीम इंडिया ने जीत लिया था, लेकिन कपिल देव को बाहर बैठाना चर्चा का विषय बना. हालांकि, वर्षों बाद सुनील गावस्कर ने कहा था कि कपिल देव उनके सबसे बड़े मैच विनर थे, ऐसे में वो उन्हें टीम से बाहर क्यों करते.
अगर हाल ही के वक्त में कप्तानी को लेकर किसी जंग को देखें, तो महेंद्र सिंह धोनी के दौर में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों के हुए विवाद भी सामने आते हैं. साल 2012-13 में हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे के वक्त तब बवाल हो गया था, जब महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि वह ज्यादा सीनियर खिलाड़ियों को टीम में एक साथ नहीं रख सकते, क्योंकि फिटनेस-फील्डिंग की दिक्कत आती है.
तब एक मैच में वीरेंद्र सहवाग को बाहर बैठाया गया था. उसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का जिक्र किया था कि शायद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था. उस वक्त एमएस धोनी, वीरेंद्र सहवाग के बीच तनातनी की खबरें सुर्खियों में थीं. हालांकि, बाद में वीरेंद्र सहवाग की ओर से इन बातों का खंडन कर दिया गया था.
इसके अलावा इंग्लैंड के 2009 दौरे के दौरान खिलाड़ियों की परेड को भी नहीं भुलाया जा सकता, जब वह तब के उपकप्तान वीरेंद्र सहवाग के साथ उनके मतभेदों की खबरों से काफी नाराज थे. तब उन्होंने टीम की एकता को लेकर एक बयान भी पढ़ा था.