भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर को बेहतरीन गेंदबाज के साथ-साथ निचले क्रम का शानदार बल्लेबाज भी माना जाता था. जहां एक ओर उनके नाम वनडे में भारत की तरफ से सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड है तो वहीं, बल्लेबाजी में उनके नाम के आगे तीन वनडे अर्धशतक भी दर्ज हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी एक शतक जड़ा था और यह शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर लगाया था.
अगरकर ने उस मैच में 109 रनों की नाबाद पारी खेली थी. अगरकर शुरुआत में एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और बहुत कम लोगों को पता होगा कि करियर के शुरुआती दिनों में अगरकर को मुंबई का अगला सचिन तेंदुलकर माना जाता था. 42 वर्षीय अगरकर ने अपने पूर्व टीम साथी आकाश चोपड़ा के साथ आकाशवाणी शो में बताया है कि आखिर क्यों उन्हें मुंबई का अगला तेंदुलकर कहा जाता था.
अगरकर ने कहा, 'वास्तव में, शुरुआत में मैं बल्लेबाज बनना चाहता था. स्कूल के दिनों में रामाकांत सर हम दोनों के कोच हुआ करते थे और उन्होंने मुझमें कुछ देखा था.' उन्होंने कहा, 'सचिन तेंदुलकर उनके कोचिंग से निकलने वाला एक बड़ा नाम था. सचिन से पहले प्रवीन आमरे और अन्य कई बड़े नाम थे और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. उनके अकादमी से बहुत सारे नाम निकले थे.'
अगरकर ने कहा, 'मैं शुरुआत में अच्छे रन बनाता था तो लोगों को लगता था कि मैं अगला सचिन तेंदुलकर बन सकता हूं. अब जब 16 की उम्र में आप अच्छा खेले तो आईपीएल खेलने को मिल जाता है, लेकिन तब यह राष्ट्रीय टीम में पहुंचने की पहली सीढ़ी होती थी.' उन्होंने कहा, 'मैं रन बनाता था तो यह संदेश गया कि मुंबई से एक और खिलाड़ी आने में है. मगर उस उम्र में आप सिर्फ प्रगति के बारे में सोचते हैं.' अगरकर के इस शानदार प्रदर्शन के कारण ही तेंदुलकर ने उन्हें अपना ग्लव्स दिया था.