न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी स्कॉट स्टायरिश का मानना है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खाली स्टेडियमों के कारण विदेशी खिलाड़ी ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन भारतीय क्रिकेटरों को खेलने के दौरान निश्चित रूप से जोश की कमी महसूस होगी.
कोविड-19 महामारी के कारण आईपीएल के 13वें सत्र का आयोजन यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक होगा. टूर्नामेंट जैव-सुरक्षित महौल में खेला जाएगा, जहां दर्शकों को स्टेडियम आने की अनुमति नहीं होगी. स्टायरिश ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड शो’ में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि विदेशी खिलाड़ियों के लिए बहुत अधिक सामंजस्य बिठाना होगा. बहुत सारे विदेशी खिलाड़ी नियमित रूप से खाली मैदान या कम भीड़ के सामने खेलते हैं. वे इसके अभ्यस्त हैं.’
उन्होंने कहा, ‘विराट कोहली जैसे भारतीय खिलाड़ी जो काफी समय से खेल रहे हैं, वे संघर्ष नहीं करेंगे, लेकिन जब उन्हें जोश या ऊर्जा की जरूरत होगी तो वे काई और तरीका ढूंढेंगे.’
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर ने कहा कि शुरुआत में खाली स्टेडियमों में खेलने से खिलाड़ियों को अजीब लगेगा क्योंकि भारत में दर्शक घरेलू टीम के लिए 12वें खिलाड़ी की भूमिका में होते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह शुरुआत में थोड़ा अजीब हो सकता है क्योंकि आपको भीड़ से जोश मिलता है.'
खासकर भारत में आईपीएल में स्टेडियम के अंदर दर्शक घरेलू टीम के लिए कई बार 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाते हैं. इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मुख्य कोच साइमन कैटिच ने कहा था कि खाली स्टेडियमों के सामने युवा खिलाड़ी कम दबाव महसूस करेंगे लेकिन यह सीनियर क्रिकेटरों के लिए एक चुनौती हो सकती है.