कोरोना काल को पीछे छोड़ एक बार फिर पटरी पर लौट रही दुनिया के सामने अब एक और चुनौती आ गई है. ये चुनौती युद्ध की है, रूस और यूक्रेन के बीच जिस तरह के हालात बन रहे हैं वह युद्ध की ओर अग्रसर हैं. अगर ये दो देश किसी भी तरह आमने-सामने होते हैं, तो इसका असर विश्व पर होगा जिसकी झलक अलग-अलग देशों के बाज़ार, व्यापार पर दिखने भी लगी है. लेकिन युद्ध से अलग भी रूस, यूक्रेन की अपनी एक छवि है. अगर भारत के नज़रिए से यूक्रेन को देखें, तो यहां भी भारत के सबसे प्रिय खेल क्रिकेट को लेकर पिछले कुछ वर्षों में रुचि बढ़ी है.
करीब चार करोड़ की आबादी वाला ये देश क्रिकेट के क्षेत्र में धीरे-धीरे अपने पैर फैला रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों और खासकर राजधानी कीव में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता रहा है. खास बात ये है कि यूक्रेन में भी क्रिकेट को बढ़ावा देने वालों में भारतीयों का ही हाथ है. यूक्रेन में इस वक्त क्रिकेट की स्थिति क्या है, एक नज़र डाल लीजिए...
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की ओर से यूक्रेन को क्रिकेट नेशन का दर्जा नहीं दिया गया है. लेकिन पिछले 21 साल से यहां पर यूक्रेन क्रिकेट फेडरेशन काम कर रहा है, जिसके तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. इस फेडरेशन के तहत ही देश में तीन लेवल के टूर्नामेंट का आयोजन होता है, जो नेशनल लेवल से लेकर ग्राउंड लेवल तक काम करते हैं.
यूक्रेन क्रिकेट फेडरेशन के प्रेसिडेंट इस वक्त हरदीप सिंह हैं, जो कीव और खैरकीव क्रिकेट से जुड़े हैं. उनके अलावा बोर्ड के सीईओ के रूप में कॉबस ओलिवर कार्यरत हैं. इस फेडरेशन का काम अलग-अलग शहरों में क्रिकेटर्स को तलाशना, उनके लिए टूर्नामेंट का आयोजन करवाना है. बोर्ड के पास अपनी एक क्रिकेट कमेटी भी है, जिसमें भी भारतीय मूल के लोग शामिल हैं.
यूक्रेन में नेशनल लेवल का टूर्नामेंट अमित सिसोदिया मेमोरियल कप का आयोजन किया जाता है, जो 2006 से ही चल रहा है. इसमें अलग-अलग क्षेत्रों की टीमें हिस्सा लेती हैं. इसके अलावा कीव क्रिकेट लीग और यूक्रेन क्रिकेट लीग का भी आयोजन किया जा रहा है. हर टीम के प्लेइंग-11 में एक यूक्रेनी नागरिक को जगह देना जरूरी है.
यूक्रेन क्रिकेट फेडरेशन की वेबसाइट के मुताबिक, बोर्ड को आईसीसी की ओर से मान्यता दिलवाने की पूरी कोशिश हो रही है और बातचीत अंतिम मोड़ पर है. इसके अलावा नेशनल ओलंपिक कमेटी ऑफ यूक्रेन की ओर से भी क्रिकेट को देश में ओलंपिक लेवल तक मानने के लिए प्रस्ताव दिया गया है.
क्योंकि यूक्रेन में अभी कोई क्रिकेट स्टेडियम नहीं है, इसी वजह से यहां मौजूद फुटबॉल स्टेडियम में ही मैट पिच बिछाकर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. सिर्फ पिच मैट की होती है, इसके अलावा बाकी सभी नियमों को आईसीसी के टी-20 फॉर्मेट के नियम के मुताबिक ही रखा गया है.
भारतीय मूल के अलग-अलग लोगों द्वारा लगातार इन टूर्नामेंट को स्पॉन्सर किया जाता है, साथ ही कई टूर्नामेंट को स्कूल, कॉलेज लेवल पर आयोजित किया जाता है. इसी के जरिए कई कैंप भी लगाने की कोशिश हो रही है, जहां बच्चों की भी मदद की जा सके.
यूक्रेन क्रिकेट फेडरेशन के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी भारतीय क्रिकेट से जुड़े पोस्ट उपलब्ध हैं. इंडियन प्रीमियर लीग के कोई मैच हो या फिर भारत का कोई अंतरराष्ट्रीय मैच, यूक्रेन क्रिकेट फेडरेशन के इंस्टाग्राम, फेसबुक अकाउंट पर भारतीय क्रिकेट की भरमार है. (फोटो: यूक्रेन टीम की किट)