ट्वेंटी20 सीजन चार में क्रिस गेल ने जिस तरह से धुंआधार पारी खेली है वो काबिले तारीफ है. गेल सबसे ज्यादा 608 रन बनाकर ऑरेंज कैप की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. सबसे मजेदार बात तो यह है कि गेल ने इस टूर्नामेंट में केवल 11 मैच ही खेले हैं.
बैंगलोर की ओर से विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी का नजारा पेश किया है. उन्होंने खेले गए 15 मैचों में शानदार 522 रन बनाये और ऑरेंज कैप की रेस में दूसरे नंबर पर हैं.
513 रनों का अंबार लगाकर महान सचिन तेंदुलकर भी ऑरेंज कैप के लिए अपनी दावेदारी ठोंक दी है. सचिन ने 15 मैचों में एक शतक और 2 अर्धशतक भी जमाये हैं.
पहले सीजन के ऑरेंज कैप विजेता शान मार्श ने चौथे सीजन में पंजाब की ओर से खेलते हुए 14 मैचों में 4 अर्धशतकों की मदद से 509 रन बनाए.
पंजाब की ओर से खेलते हुए एयर इंडिया के बल्लेबाज पॉल वैलथेटी इस सीजन की सबसे बड़ी खोज माने जा रहे हैं. उन्होंने 14 मैचों में 1 शतक और 2 अर्धशतक की मदद से 463 रन बनाए हैं.
सुरेश रैना ने चेन्नई की ओर से खेलते हुए 430 रनों का अंबार लगाया. उन्होंने 15 मैचों में 2 अर्धशतक जमाए.
माइक हसी ने चेन्नई की ओर से खेलते हुए 13 मैचों में 429 रन ठोंक डाले.
वीरेंद्र सहवाग चोट की वजह से पूरा टूर्नामेंट नहीं खेल सके लेकिन उसके पहले उन्होंने 11 मैचों में 424 रनों का अंबार लगा डाला.
कोलकाता की ओर से खेलते हुए जैक कैलिस ने 15 मैचों में चार अर्धशतक लगाए और 424 रन बनाए.
हैदराबाद की ओर से खेलते हुए शिखर धवन ने 14 मैचों में 400 रन बनाए. शिखर धवन ने दो बेहतरीन अर्धशतक भी लगाए.
बद्रीनाथ ने चेन्नई की जीत में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सर्वाधिक 5 अर्धशतक बनाया. बद्रीनाथ ने 15 मैचों में अपनी टीम के लिए 396 रनों का योगदान दिया.
अंबाती रायडु ने मुंबई की ओर से खेलते हुए न केवल अच्छी विकेटकीपिंग की बल्कि अपनी टीम के लिए 15 मैचों में 395 रन भी बनाए. रायडु ने पूरे टूर्नामेंट में 4 अर्धशतक बनाया.
पंजाब के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट टूर्नामेंट के अंतिम कुछ मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन किया. टूर्नामेंट के गिनेचुने शतकों में एक शतक गिली के नाम था. गिलक्रिस्ट ने पंजाब के लिए 14 मैचों में 383 रनों का योगदान दिया.
कोलकाता के कप्तान गौतम गंभीर का बल्ला भी पूरे टूर्नामेंट में खूब चला. गंभीर ने 15 मैचों में 2 अर्धशतक जमाया और अपनी टीम के लिए बहुमूल्य 378 रन बनाए.
चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का क्या कहना. धोनी टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करते हैं और जब उनका बल्ला चलता है तो अच्छे से अच्छा गेंदबाज भी अपनी लय खो देता है. धोनी ने 15 मैचों में 2 अर्धशतक की मदद से टूर्नामेंट में 370 रन बनाये.
मुंबई की ओर से रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी की और टूर्नामेंट में खेले गए 15 मैचों में 3 अर्धशतक की मदद से 359 रन बनाए.
मनोज तिवारी कोलकाता की ओर से गंभीर और कैलिस के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. 15 मैचों में उनके बल्ले से 359 रन निकले.
हैदराबाद के कप्तान कुमार संगकारा ने विकेटकीपिंग के अलावा शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया और टूर्नामेंट में खेले गए 13 मैचों में 358 रन बनाए.
कोच्चि की ओर से खेलते हुए ब्रेंडन मैकुल्लम ने 13 मैचों में 357 रनों का अंबार लगाया.
राजस्थान की ओर से खेलते हुए भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने दिखाया कि उनमें अभी कितना दमखम बचा है. धीमी गति से बल्लेबाजी करने के लिए मशहूर द्रविड़ ने 12 मैचों में 109.23 की स्ट्राइक रेट से 343 रन बनाए.
पुणे के कप्तान और भारत को विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह का बल्ला भी टूर्नामेंट में चमका और 14 मैचों में 343 रन बना डाला. युवी ने टूर्नामेंट में 2 अर्धशतक भी जमाया.
चेन्नई के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने 2 अर्धशतक की मदद से 15 मैचों में 339 रन बनाए.
दिल्ली की ओर से खेलते हुए वेणुगोपाल राव ने 14 मैचों में 336 रन बनाए.
शेन वाटसन अपने धुंआंधार पारी के लिए जाने जाते हैं और ऐसा उन्होंने इस टूर्नामेंट में भी किया. 11 मैचों में वाटसन ने 330 रन बनाए.
डेविड वार्नर ने दिल्ली की ओर से खेलते हुए 13 मैचों में 324 रन बनाए. वार्नर ने टूर्नामेंट में तीन अर्धशतक भी लगाया और खुद को टूर्नामेंट में 300 रन बनाने वाले बल्लेबाजों में स्थापित किया.